UP News: यूपी में कांवड़ यात्रा हो या मुहर्रम… नई परंपरा की अनुमति नहीं, मुख्यमंत्री योगी ने दिए सख्त निर्देश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सरकारी आवास पर अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने आगामी त्योहारों के दौरान सुरक्षा एवं व्यवस्था की तैयारियों पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कांवड़ यात्रा में डीजे की आवाज और ऊंचाई नियंत्रित रखी जाएं। इसी तरह मुहर्रम में भी ताजिया की ऊंचाई पर नियंत्रण हो। इसके अलावा शस्त्रों के प्रदर्शन पर पाबंदी रहेगी।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कांवड़ यात्रा हो या मुहर्रम सभी की आस्था का सम्मान किया जाए, लेकिन नई परंपरा की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि 22 जुलाई से पवित्र श्रावण मास का प्रारंभ हो रहा है।
इस अवधि में श्रावणी शिवरात्रि, नागपंचमी और रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। परंपरागत कांवड़ यात्रा निकलेगी। इसलिए पिछले वर्षों में हुई दुर्घटनाओं से सबक लेते हुए इस बार निर्धारित आवाज में ही डीजे बजाने की अनुमति दी जाए और उसकी ऊंचाई भी ज्यादा न हो।
मुख्यमंत्री ने रविवार को अपने सरकारी आवास पर अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि सात से नौ जुलाई तक जगन्नाथ रथ यात्रा, सात व आठ से 17-18 जुलाई तक मोहर्रम और 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का पावन अवसर है। इसलिए सभी संबंधित विभाग इसकी तैयारियां समय से कर लें।
डीजे की आवाज और ऊंचाई करें नियंत्रित
कांवड़ यात्रा की दृष्टि से उत्तराखंड की सीमा से लगे जिलों के अलावा गाजियाबाद, मेरठ, अयोध्या, बरेली, प्रयागराज, वाराणसी, बाराबंकी व बस्ती जिले महत्वपूर्ण हैं। कावंड़ यात्रा आस्था के उत्साह का आयोजन है। परंपरागत रूप से नृत्य, गीत, संगीत इसका हिस्सा रहे हैं।
उन्होंने निर्देश दिए कि डीजे, गीत-संगीत आदि की आवाज निर्धारित मानकों के अनुरूप ही हो। डीजे की ऊंचाई एक तय सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए। कांवड़ यात्रा मार्ग पर कहीं भी खुले में मांस की खरीद-बिक्री न हो।
यात्रा मार्ग को स्वच्छ किया जाए। स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था हो। यात्रा के मार्ग पर जर्जर बिजली के खंभे, लटकते बिजली के तार को सही करवा लिया जाए, जिससे किसी प्रकार की दुर्घटना की स्थिति न आए।
उन्होंने कहा कि श्रावण मास के दौरान सोमवार को शिवालयों में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं आते हैं। इसलिए पंचायतीराज और नगर विकास विभाग द्वारा शिवालयों के आस-पास समय से सफाई सुनिश्चित की जाए। शरारती तत्वों पर नजर रखी जाए दूसरे संप्रदाय के लोगों को उत्तेजित करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। कांवड़ शिविर लगाने वालों का सत्यापन करें। ड्रोन से भी निगरानी की व्यवस्था की जाए।
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