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UP News: संघ प्रमुख भागवत देंगे लोकसभा चुनाव के ल‍िए BJP की चुनावी रणनीत‍ि को धार, इन्हें नहीं मिलेगा टिकट

भाजपा की ओर से दलबदलू और संघ की विचारधारा से नितांत अपरिचित व्यक्ति को चुनाव में प्रत्याशी बनाये जाने से स्वयंसेवकों के सामने पैदा होने वाली असहज स्थिति के सवाल पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने शनिवार को दो टूक कहा कि ‘जो जैसा करेगा वैसा भरेगा। संघ का काम किसी को हराना या जिताना नहीं है।

By Paras PandeyEdited By: Paras PandeyUpdated: Sun, 24 Sep 2023 06:45 AM (IST)
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मोहन भागवत ने कहा कि जो जैसा करेगा, वैसा भरेगा। फाइल फोटो)

लखनऊ राज्य ब्यूरो। भाजपा की ओर से दलबदलू और संघ की विचारधारा से नितांत अपरिचित व्यक्ति को चुनाव में प्रत्याशी बनाये जाने से स्वयंसेवकों के सामने पैदा होने वाली असहज स्थिति के सवाल पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने शनिवार को दो टूक कहा कि ‘जो जैसा करेगा, वैसा भरेगा।

संघ का काम किसी को हराना या जिताना नहीं है। संघ का कार्य हिंदू समाज को जागृत और संगठित करना है। अवध प्रांत के प्रवास पर आए संघ प्रमुख से शनिवार को निरालानगर स्थित सरस्वती कुंज में प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान यह सवाल हुआ था कि भाजपा की ओर से कभी-कभी किसी अयोग्य, दूसरे दलों से आए और संघ की विचारधारा से अनभिज्ञ लोगों को चुनाव में टिकट थमा दिया जाता है।

लोग इसे लेकर स्वयंसेवकों से प्रश्न करते हैं और उलाहना देते हैं। घोसी विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की हार के परिप्रेक्ष्य में सरसंघचालक की यह टिप्पणी प्रासंगिक है। घोसी में भाजपा की हार के लिए दलबदल कर आए दारा सिंह चौहान को पार्टी प्रत्याशी बनाए जाने से जनता में उपजी नाराजगी को प्रमुख कारण बताया जा रहा है। वर्ष 2025 में संघ के शताब्दी वर्ष के संदर्भ में भागवत ने संघ के सांगठनिक और सेवा कार्यों को गांव-गांव तक पहुंचाने पर जोर दिया। 

सांगठनिक और सेवा कार्यों के विस्तार के लिए उन्होंने शारीरिक, बौद्धिक, व्यवस्था, प्रचार, सेवा और संपर्क से जुड़ी गतिविधियों को गति देने के लिए कहा। यह भी कहा कि जितना आवश्यक सांगठनिक और सेवा कार्यों का विस्तार है, उतना ही महत्वपूर्ण संगठन के वर्तमान स्वरूप और सेवा के जो प्रकल्प खड़े किए जा चुके हैं, उन्हें टिकाऊ बनाए रखना भी है।

संघ के मौजूदा संगठन और सेवा कार्यों को बरकरार रखने के लिए उन्हें कैसे स्थिर और सुदृढ़ किया जाए, इस पर भी विचार मंथन हुआ। समाज में संघ और उसकी विचारधारा की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए सरसंघचालक ने स्वयंसेवकों के व्यक्तित्व निर्माण पर भी बल दिया। 

उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक का आचरण और व्यवहार ठीक हो। उनके व्यक्तित्व में सादगी हो। समाज में उनकी प्रामाणिकता हो। तभी लोग संघ के प्रति आकर्षित होंगे और उसकी विचारधारा से जुड़ेंगे। संघ के सांगठनिक और सेवा कार्यों के विस्तार के उद्देश्य से उन्होंने स्वयंसेवकों और संघ पदाधिकारियों से समय का समर्पण करने और इसे बढ़ाने का आह्वान किया।

कहा कि संघ के लिए जितना समय आप अभी दे रहे हैं, इसमें वृद्धि होनी चाहिए। संघ का उद्देश्य अपरिचित को परिचित, परिचित को मित्र और मित्र को कार्यकर्ता बनाना है। 

व्यक्तित्व विकास में संघ की शाखाओं की भूमिका को रेखांकित करते हुए भागवत ने शाखाओं में बौद्धिक और खेल गतिविधियों के जरिये बच्चों को भी उनसे जोडऩे पर बल दिया। संघ प्रमुख ने अवध प्रांत के सात विभागों-लखनऊ, रायबरेली, उन्नाव, सीतापुर, अयोध्या, बहराइच और गोंडा की टोलियों के साथ भी बैठक की।

बैठकों में क्षेत्र कार्यवाह वीरेन्द्र जायसवाल, क्षेत्र संघचालक रामकुमार, प्रांत कार्यवाह प्रशांत शुकला, प्रांत सहकार्यवाह संजय, प्रांत बौद्धिक प्रमुख सुनीत व दीपक सहाय, प्रांत शारीरिक प्रमुख भगवान सहाय और प्रांत सेवा प्रमुख देवेन्द्र, तेजभान व आनंद, अवध प्रांत प्रचारक कौशल कुमार उपस्थित थे। 

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