UP News: यूपी में 624 पैक्स का कारोबार शून्य, अब इन्हें उबारने की तैयारी, आउटसोर्सिंग के जरिए की जाएगी भर्ती
उत्तर प्रदेश में 624 बी-पैक्स ऐसे हैं जिन्होंने बीते वित्तीय वर्ष कोई कारोबार ही नहीं किया। इनमें 403 ऐसे हैं जिनके पास कर्मचारी तक नहीं है। वहीं 78 के पास गोदाम का अभाव है। सहकारिता विभाग ने अब निष्क्रिय पड़े इन पैक्स को उबारने की कोशिश शुरू की है। बता दें कि प्रदेश में कुल पैक्स की संख्या 7435 है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बहुउद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समितियों (बी-पैक्स) के माध्यम से गांवों में उर्वरक समेत अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित किए जाने के सहकारिता विभाग के हालिया प्रयासों ने जोर पकड़ा है, बावजूद इसके निष्क्रिय पड़ी पैक्स इकाइयों की संख्या में कोई खास कमी नहीं आई है।
आउटसोर्सिंग के जरिए लोगों की भर्ती
विभागीय कार्ययोजना के अनुसार, जिन पैक्स में कर्मचारी नहीं हैं, वहां आउटसोर्सिंग के जरिए लोगों की भर्ती की जाएगी। वहीं, 78 ऐसी पैक्स जिनके पास अपने गोदाम नहीं है वे किराए पर गोदाम ले सकेंगे।
इतना ही नहीं निष्क्रिय पड़े इन पैक्स की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए इन्हें 10 लाख रुपये तक की क्रेडिट लिमिट भी उपलब्ध कराई जाएगी। इस क्रेडिट लिमिट पर लगने वाले ब्याज की भरपाई प्रदेश सरकार करती है।
हालांकि, इस ऋण सीमा की सुविधा सिर्फ उन्हीं पैक्स को मिलेगी, जिनके पास उर्वरक का लाइसेंस और जीएसटी पंजीकरण होगा। प्रदेश में ऐसे पैक्स की संख्या 333 है।
दो लाख रुपये तक मार्जिन
एक अनुमान के अनुसार, 375 टन यूरिया और 105 टन डीपीए उर्वरक की बिक्री यदि इन निष्क्रिय पड़े पैक्स के जरिए होगी तो इन्हें दो लाख रुपये तक मार्जिन प्राप्त हो सकता है और संस्था अपना खर्च उठाने की स्थिति में आ सकती है।यह भी पढ़ें: परिवार को परेशान न करो... आ रहा हूं, बलिया वसूली कांड का फरार एसओ पन्नेलाल घर से गिरफ्तारयह भी पढ़ें: अजब गजब! बलिदानियों के सम्मान में 301 फीट लंबी तिरंगा कांवड़, राेज 35 किमी की यात्रा कर रहे 40 कांवड़िए
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