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UP News: सीबीआई ने RDSO में पकड़ा रिश्वतखोरों का गिरोह, मिलीभगत से चल रहा था बिल पास करने का बड़ा खेल

सीबीआई ने आरडीएसओ में रिश्वतखोरी का बड़ा मामला पकड़ा है। लेखा विभाग के कर्मचारियों और तीन फर्म संचालकों पर मुकदमा दर्ज किया गया। कई संदिग्ध दस्तावेज और बैंक खातों में घूस की रकम बरामद हुई। लखनऊ और नोएडा में छापेमारी की गई। आरोपियों में वरिष्ठ लेखाधिकारी और जूनियर लेखा सहायक शामिल हैं। आगे की जांच जारी है जिसमें कई अन्य आरोपियों की भूमिका की जांच की जाएगी।

By Alok Mishra Edited By: Shivam Yadav Updated: Thu, 26 Sep 2024 03:36 AM (IST)
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अधिकारियों की शह पर लेखा विभाग के कर्मचारी फर्म संचालकों से डील करते हैं।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सीबीआई ने आरडीएसओ (अनुसंधान अभिकल्प व मानक संगठन) में बिलों को पास करने के लिए रिश्वतखोरी का बड़े खेल पकड़ा है। सीबीआई ने आरडीएसओ कर्मचारियों के आवास, कार्यालय व तीन फर्म संचालकों के ठिकानों पर छापेमारी भी की। 

लखनऊ में पांच व नोएडा में दो ठिकानों पर की गई छापेमारी के दौरान कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए हैं। सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने मामले में आरडीएसओ के लेखा विभाग के तीन कर्मचारियों व तीन फर्माें के विरुद्ध तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए हैं। आगे की छानबीन की जा रही है। आरोपियों ने घूस की रकम अपने बैंक खातों में भी ट्रांसफर कराई थी। 

सीबीआई को सूचना मिली थी कि आरडीएसओ में विभिन्न फर्माें के बिल पास करने के लिए रिश्वतखोरी की जा रही है। अधिकारियों की शह पर लेखा विभाग के कर्मचारी फर्म संचालकों से डील करते हैं। 

आरडीएसओ लखनऊ में लेखा सहायक अब्दुल लतीफ व अन्य कर्मचारी लंबित बिलों के भुगतान के लिए डील करते थे। फरवरी माह में अब्दुल लतीफ ने बिल भुगतान के लिए इंडस्ट्रियल कंप्यूटर वक्र्स के संचालक कृष्णानगर निवासी अभिनव सिन्हा से सौदा तय किया था और अब्दुल लतीफ के भाई अब्दुल करीम सिद्दीकी के खाते में पांच लाख रुपये ट्रांसफर किए थे। 

इसके बाद, 25 हजार रुपये और ट्रांसफर किए गए थे। इसके अलावा नोएडा की पुरी इलेक्ट्रॉनिक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से भी डील हुई थी। कंपनी को 9.5 करोड़ रुपये का वर्क आर्डर दिए जाने के बदले एक लाख रुपये बैंक खाते में जमा कराए गए थे, जबकि अन्य रकम नकद ली गई थी। 

ऐसे ही नोएडा की कंपनी एडीजे इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड के संचालक मनीष कुमार पांडेय से भी ढाई लाख रुपये की डील हुई थी। इनमें डेढ़ लाख रुपये नकद लिए गए थे। 

सीबीआई ने आरडीएसओ के वरिष्ठ लेखाधिकारी अर्पित अस्थाना, लेखा सहायक अब्दुल लतीफ, कनिष्ठ लेखा सहायक नासिर हुसैन के अलावा अब्दुल करीम सिद्दीकी, मनीष कुमार पांडेय, अभिनव सिन्हा, विशाल शर्मा, अशोक पुरी व अन्य के विरुद्ध अलग-अलग तीन मुकदमे दर्ज किए हैं।

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