UP News: सीएम योगी ने बढ़ाई यूपी पुलिस विभाग की टेंशन- नहीं बख्शा जाएगा ढीला रवैया, आलाधिकारियों के लिए भी…
कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर माफिया-अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई के कदम और तेज करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद गंभीर हैं। विशेष जोर महिला व अन्य गंभीर अपराधों में दोषियों को सजा सुनिश्चित कराने पर है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने सोमवार रात कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक में जिले से लेकर थाना स्तर पर की जा रही कार्रवाई को बारीकी से देखा और लापरवाहों को कड़ी चेतावनी दी।
By Alok MishraEdited By: Shivam YadavUpdated: Thu, 28 Sep 2023 09:03 PM (IST)
लखनऊ, राज्य ब्यूरो: कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर माफिया व अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई के कदम और तेज करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद गंभीर हैं। विशेष जोर महिला व अन्य गंभीर अपराधों में दोषियों को सजा सुनिश्चित कराने पर है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने सोमवार रात कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक में जिले से लेकर थाना स्तर पर की जा रही कार्रवाई को बारीकी से देखा और लापरवाहों को कड़ी चेतावनी दी।
पहली बार सीओ व एसओ को भी वीडियो कांफ्रेंसिंग में जोड़ा गया था और योगी ने उन्हें सीधा संदेश भी दिया। गंभीर अपराधों में हो रही कार्रवाई की थाना स्तर पर बढ़ाई गई निगरानी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के लिए भी चुनौतियां बढ़ा दी हैं। गंभीर अपराधों में कार्रवाई के साथ ही उनकी बढ़ोतरी के कारणों के अध्ययन व रोकथाम का निर्देश दिया गया है।
टॉप 10 जिलों के अच्छे व खराब प्रदर्शन देखे गए
मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में गंभीर अपराधों में टॉप 10 जिलों के अच्छे व खराब प्रदर्शन को देखा गया था। इनमें इस वर्ष दर्ज अपराधों की पिछले वर्ष हुए अपराधों से तुलनात्मक अध्ययन किया गया। इस वर्ष अवैध मतांतरण के दर्ज कुल 241 मुकदमों में की गई कार्रवाई का विश्लेषण किया गया।जिलों की पुलिस ने 176 मामलों में आरोपपत्र दाखिल किए और 16 मुकदमों में अंतिम रिपोर्ट लगाई, जबकि 48 मुकदमों की विवेचना जारी है। कुल 790 आरोपियों में 742 गिरफ्तार किए गए और 48 वांछित आरोपियों की तलाश की जा रही है।
समीक्षा की रिपोर्ट में निकला रिकॉर्ड
जिलेवार समीक्षा में सामने आया कि इटावा, आजमगढ़, जौनपुर, अयोध्या, संभल, मैनपुरी, जालौन, बलरामपुर, अमेठी व अंबेडकरनगर में शत प्रतिशत कार्रवाई हुई, जबकि गोरखपुर में सबसे कम 29 प्रतिशत मामलों में ही कार्रवाई की गई। इसके अलावा प्रयागराज कमिश्नरेट में 33 प्रतिशत, मुजफ्फरनगर में 38 प्रतिशत, कानपुर कमिश्नरेट में 63 प्रतिशत, हापुड़ में 67 प्रतिशत, संत कबीर नगर व कन्नौज में 71 प्रतिशत, पीलीभीत में 82 प्रतिशत, बरेली में 84 प्रतिशत व हमीरपुर में 88 प्रतिशत मामलों में ही कार्रवाई की गई।ऐसे ही पॉक्सो (प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंसेस) एक्ट के तहत 5957 मुकदमों में 4860 मामलों में पुलिस ने कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया और 373 मुकदमों में अंतिम रिपोर्ट लगाई गई, जबकि 794 मुकदमों में विवेचना चल रही है। इनमें कुल 8699 आरोपियों की संलिप्तता सामने आई, जिनमें 8009 आरोपित गिरफ्तार किए गए।
690 वांछित आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है। पाक्सो एक्ट में रामपुर, झांसी, हरदोई, लखीमपुर, खीरी, सीतापुर, उन्नाव, सुलतानपुर, बाराबंकी, अमेठी व महोबा में कार्रवाई शतप्रतिशत रही। स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि सभी प्रकार के गंभीर अपराध पिछले वर्षाें की तुलना में कम हुए हैं।
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