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UP News: हटाए गए कोरोना के समय भर्ती हुए पांच हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मी, आंदोलन की चेतावनी

UP News - उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी के समय संविदा पर भर्ती किए गए पांच हजार स्वास्थ्य कर्मियों को हटा दिया गया है। ऐसे में कोविड काल में जान-जोखिम में डालकर रोगियों की सेवा करने वाले यह संविदा कर्मचारी गुस्से में हैं। अब वह आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं। 30 जून के बाद इन्हें सेवा विस्तार नहीं दिया गया है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Sat, 06 Jul 2024 03:18 AM (IST)
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कोरोना के समय भर्ती हुए पांच हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मी हटाए गए।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। कोरोना महामारी के समय संविदा पर भर्ती किए गए पांच हजार स्वास्थ्य कर्मियों को हटा दिया गया है। 30 जून के बाद इन्हें सेवा विस्तार नहीं दिया गया और जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारी इनसे कार्य न लेने का आदेश भी जारी कर रहे हैं। ऐसे में कोविड काल में जान-जोखिम में डालकर रोगियों की सेवा करने वाले यह संविदा कर्मचारी गुस्से में हैं। अब वह आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं।

कोरोना महामारी के समय रोगियों की जांच व उपचार के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), उत्तर प्रदेश ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, लैब टेक्नीशियन, स्टाफ नर्स, कंप्यूटर आपरेटर, आयुष चिकित्सक और नान मेडिकल साइंटिस्ट इत्यादि के पदों पर संविदा पर सात हजार लोगों की भर्ती की थी। 

इन्हें अलग-अलग 10 हजार से लेकर 55 हजार रुपये तक मासिक मानदेय दिया जा रहा था। बीते एक वर्ष से भारत सरकार की ओर से बजट न दिए जाने के कारण धीरे-धीरे जिन पदों पर कर्मचारियों की जरूरत नहीं थी, उन्हें हटाया जाने लगा। करीब दो हजार संविदा कर्मचारी निकाल दिए गए।

संघ ने सीएम और डिप्टी सीएम को लिखा पत्र

संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री सच्चिदानंद मिश्रा की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को पत्र लिखकर मांग की गई है कि इन्हें न हटाया जाए। तीन-तीन महीने का सेवा विस्तार इन्हें दिया जाए। तमाम खाली पदों पर इन्हें समायोजित किया जा सकता है। 

उधर, संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के महामंत्री योगेश उपाध्याय का कहना है कि उनकी वार्ता उच्चाधिकारियों से हुई है और पूरी कोशिश की जा रही है कि इन्हें काम पर रखा जाए। अगर इन्हें सेवा विस्तार न मिला तो आंदोलन किया जाएगा।

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