UP News: निपुण लक्ष्य पाने को अब अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय, नई गाइडलाइन जारी
UP News - उत्तर प्रदेश में परिषदीय स्कूलों में प्री प्राइमरी से कक्षा दो तक के विद्यार्थियों को गणित और भाषा में दक्ष बनाने के लिए निपुण भारत मिशन चलाया जा रहा है। इसके लिए अधिकारियों की जवाबदेही और जिम्मेदारी तय की गई है जिसमें खंड शिक्षा अधिकारी डायट मेंटर एसआरजी और शिक्षक शामिल हैं। लक्ष्य 2026-27 तक हासिल करना है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में पढ़ रहे प्री प्राइमरी से कक्षा दो तक के विद्यार्थियों को गणित व भाषा में दक्ष बनाने के लिए निपुण भारत मिशन चलाया जा रहा है। वर्ष 2026-27 तक इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अब अधिकारियों की भी जवाबदेही व जिम्मेदारी तय कर दी गई है।
खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ), जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) मेंटर और स्पेशल रिसोर्स ग्रुप (एसआरजी) व शिक्षक संकुल को भी अब विद्यालयों को निपुण बनाने की जिम्मेदारी दी गई है।
महानिदेशक ने जारी की नई गाइडलाइन जारी
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से मार्च 2025 तक ही अधिक से अधिक विद्यालयों को निपुण बनाए जाने के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है। अब बीईओ को ब्लॉक संसाधन केंद्र या फिर उनके कार्यालय के पास स्थित विद्यालय को निपुण बनाने की जिम्मेदारी लेनी होगी। वह प्राथमिक स्कूल या फिर कंपोजिट विद्यालय में से किसी भी विद्यालय का जिम्मा लेगा। प्रत्येक जिले में जितने ब्लॉक हैं उनके सभी बीईओ यह जिम्मेदारी लेंगे।वहीं, डायट मेंटर को किसी भी ब्लॉक का विद्यालय आवंटित किया जाएगा। प्रत्येक जिले में पांच-पांच डायट मेंटर हैं। ऐसे ही एसआरजी में शामिल किए गए दो-दो शिक्षकों को भी विद्यालयों का जिम्मा दिया जाएगा। यही नहीं न्याय पंचायत स्तर पर पांच-पांच शिक्षकों को एसआरजी बनाया गया है। यह सभी एक-एक विद्यालय की जिम्मेदारी लेंगे।
ऐसे विद्यालय जहां 80 प्रतिशत छात्र गणित व भाषा में दक्ष होंगे उन्हें निपुण विद्यालय घोषित किया जाएगा। फिलहाल समय से पहले लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अब अधिकारियों को भी स्कूलों की जिम्मेदारी दी गई है। वह नियमित अपने विद्यालय की मॉनिटरिंग करेंगे और उसे निपुण बनाने में मदद करेंगे।मालूम हो कि पहले ही एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) को 10-10 विद्यालयों की जिम्मेदारी दी जा चुकी है। अब इसमें बीईओ सहित अन्य को भी शामिल किया गया है।
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