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UP News: छोटे उद्यमियों को बड़ा प्लेटफार्म उपलब्ध कराएगी रैम्प योजना, प्रदेश में 90 लाख एमएसएमई इकाइयां

योजना को प्रभावी बनाने के लिए दस बिंदुओं की कार्ययोजना एमएसएमई विभाग ने तैयार की है। इसके तहत छोटी इकाइयों को अपग्रेड करने के लिए कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा। वित्तीय सहयोग के साथ ही सक्षम इकाइयों को निर्यात के मानकों पर ढालने का प्रयास भी होगा। नवाचार को अपनाते हुए रोजगार सृजन और नए व्यवसाय व उद्यमिता को बढ़ावा देना इस योजना का मूल उद्देश्य है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Published: Tue, 02 Jul 2024 02:35 AM (IST)Updated: Tue, 02 Jul 2024 02:35 AM (IST)
छोटे उद्यमियों को बड़ा प्लेटफार्म उपलब्ध कराएगी रैम्प योजना।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के प्रदर्शन में सुधार के साथ ही उन्हें बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के लिए रेजिंग एंड एक्सेलेरेटिंग परफार्मेंस योजना (रैम्प) को प्रदेश में प्रभावी बनाया जा रहा है। भारत सरकार की इस योजना के तहत प्रदेश की छोटी इकाइयों को बाजार से मुकाबले के लिए तैयार किया जाएगा। 

अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना का शुभारंभ किया था। इसके तहत सूक्ष्म उद्यमियों को ऋण उपलब्ध कराने में भी मदद की जाएगी। चालू वित्तीय वर्ष में रैम्प योजना के तहत 153 करोड़ व्यय किए जाएंगे। 

दस बिंदुओं की कार्ययोजना तैयार

रैम्प योजना को प्रभावी बनाने के लिए दस बिंदुओं की कार्ययोजना एमएसएमई विभाग ने तैयार की है। इसके तहत छोटी इकाइयों को अपग्रेड करने के लिए कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा। 

वित्तीय सहयोग के साथ ही सक्षम इकाइयों को निर्यात के मानकों पर ढालने का प्रयास भी होगा। नवाचार को अपनाते हुए रोजगार सृजन और नए व्यवसाय व उद्यमिता को बढ़ावा देना इस योजना का मूल उद्देश्य है। 

प्रदेश में 90 लाख एमएसएमई इकाइयां

बता दें कि प्रदेश में 90 लाख एमएसएमई इकाइयां हैं, जिनसे 1.65 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं। बीते पांच वर्षों में प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर की ग्रोथ 9.7 प्रतिशत आंकी गई है। वन ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने के लिए एमएसएमई सेक्टर में दोगुणी ग्रोथ का लक्ष्य तय किया गया है।

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