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UP News: सेवा शर्तों की सुरक्षा के लिए माध्यमिक शिक्षकों ने किया प्रदर्शन, दी आंदोलन की चेतावनी

उत्तर प्रदेश में अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों ने सेवा शर्तों की सुरक्षा को लेकर प्रदर्शन किया। शिक्षकों ने कहा कि उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को समाप्त कर नया शिक्षा सेवा चयन आयोग बनाया गया है लेकिन शिक्षकों की सेवा शर्तों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। चेतावनी दी है कि ठोस कदम नहीं उठाए जाने पर शिक्षक आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Thu, 14 Nov 2024 03:07 AM (IST)
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शिक्षकों ने सेवा शर्तों की सुरक्षा को लेकर बुधवार को प्रदर्शन किया।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों ने सेवा शर्तों की सुरक्षा को लेकर बुधवार को प्रदर्शन किया। शिक्षकों ने कहा कि उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को समाप्त कर नया शिक्षा सेवा चयन आयोग बनाया गया है। मगर शिक्षकों की सेवा शर्तों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। 

चयन बोर्ड के नियमों के अनुसार अगर कोई प्रबंधक शिक्षकों पर कार्रवाई की संस्तुति करता था तो चयन बोर्ड ही उस पर अंतिम निर्णय लेता था। अब ऐसा नहीं है, जिसके कारण प्रबंधतंत्र बेलगाम हो गए हैं। शिक्षकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

राजधानी में माध्यमिक शिक्षा निदेशक के शिविर कार्यालय में आयोजित धरने में उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा. जितेन्द्र कुमार सिंह पटेल ने कहा कि शिक्षकों की पदोन्नति और कार्यवाहक प्राचार्यों को समान कार्य समान वेतन नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में शिक्षक खासे परेशान हैं। अगर सरकार जल्द सेवा शर्तों की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाएगी तो शिक्षक आंदोलन करने को बाध्य होंगे। 

संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भगवान शंकर त्रिवेदी ने कैशलेस चिकित्सा सुविधा और सामूहिक बीमा कराए जाने की भी मांग की। धरने में संघ के महामंत्री आशीष कुमार सिंह व मीडिया प्रभारी जेके यादव आदि मौजूद रहे।

पर्यटकों के लिए प्रदेश में बढ़ेगी होटलों की संख्या

सरकार उत्तर प्रदेश में पर्यटकों की सुविधा के लिए होटलों की संख्या बढ़ाएगी। होटल उद्योग में निवेश के लिए नई होटल नीति में निवेशकों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं व छूट प्रदान किए जाने का प्रावधान किया गया है। 

सरकार की कोशिश है कि प्रदेश में प्रति एक लाख की जनसंख्या पर 180 कमरे उपलब्ध हों, जबकि वर्तमान में 30 कमरे ही उपलब्ध हैं। वर्ष 2020-21 से 2023-24 के बीच प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में 44.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके मद्देनजर सरकार ने वर्ष 2023-24 से 2024-25 तक इसमें और 19.2 प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य निर्धारित किया है। 

इसके लिए राज्य सरकार ने कई पर्यटन स्थलों के विकास पर जोर दिया है, जिससे राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक पहचान मिलेगी। सरकार ने नैमिषारण्य और प्रयागराज जैसे प्रसिद्ध स्थलों के लिए पर्यटन मास्टर प्लान तैयार कराया है। 

इसके अलावा, प्रदेश के अन्य छह प्रमुख पर्यटन सर्किट के विकास के लिए भी कार्य योजनाएं बनाई जा रही हैं। नई होटल परियोजनाओं, पर्यटन स्थलों के विकास और अन्य योजनाओं के कार्यान्वयन से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

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