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UP News: इसे कहते हैं चमत्कार! दिल्ली के डॉक्टरों ने बनाया बहाना, लखनऊ वालों ने कर दिया कमाल, बचा ली जान…

जटिल ऑपरेशन के कई मामलों में अपनी सफलता से मरीजों को नई जिंदगी दे चुके राजधानी के चिकित्सा संस्थानों ने एक बार फिर साबित किया है कि चिकित्सा व्यवस्था में लखनऊ अब कुशलता के मामले में दिल्ली या मुंबई जैसे बड़े महानगरों से पीछे नहीं रहा। ताजा उदाहरण हैं गोरखपुर निवासी अरुण। ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित 25 वर्षीय अरुण को परिजन बेहतर इलाज के लिए दिल्ली ले गए मगर...

By Jagran NewsEdited By: Shivam YadavUpdated: Sun, 08 Oct 2023 05:43 PM (IST)
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ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित मरीज की सर्जरी के बाद डाक्टरों की टीम।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। जटिल से जटिल ऑपरेशन के कई मामलों में अपनी सफलता से मरीजों को नई जिंदगी दे चुके राजधानी के चिकित्सा संस्थानों ने एक बार फिर साबित किया है कि चिकित्सा व्यवस्था में लखनऊ अब कुशलता के मामले में दिल्ली या मुंबई जैसे बड़े महानगरों से पीछे नहीं रहा। 

ताजा उदाहरण हैं गोरखपुर निवासी अरुण। ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित 25 वर्षीय अरुण को परिजन बेहतर इलाज के लिए दिल्ली ले गए, मगर वहां डॉक्टरों ने ऑपरेशन के लिए एक साल बाद की तारीख दी। गंभीर हालत में पहुंचे अरुण को परिजन लखनऊ में चक गंजरिया के कल्याण सिंह कैंसर संस्थान लाए तो यहां के डॉक्टरों ने 10 घंटे का ऑपरेशन कर मरीज को नई जिंदगी दी।

बार-बार हो रही थी समस्या

परिजनों के मुताबिक, अरुण को सिरदर्द और चक्कर आने की समस्या बार-बार हो रही थी। डॉक्टर को दिखाने पर सीटी स्कैन, एमआरआई समेत कई अन्य जांचें की गईं। जांच में ब्रेन स्टेम में ट्यूमर का पता चला। तब घरवालों ने दिल्ली में इलाज करवाने का निर्णय लिया, लेकिन वहां ऑपरेशन के लिए एक साल बाद की तारीख दी गई। 

गंभीर स्थिति देख सर्जरी का निर्णय

इधर, मरीज की स्थिति खराब होती जा रही थी। इसके बाद घर वाले इलाज के लिए अरुण को लखनऊ लेकर आए और कैंसर संस्थान में न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. विजेंद्र कुमार और डॉ. अमित उपाध्याय से मिले। गंभीर स्थिति देखकर डॉक्टरों ने सर्जरी करने का निर्णय लिया। 

मस्तिष्क में ब्रेन स्टेम महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी सर्जरी करना भी जटिल होता है। माइक्रोस्कोप और न्यूरोनेविगेशन सिस्टम का उपयोग कर 10 घंटे की जटिल सर्जरी की गई। अब मरीज की हालत पहले से बेहतर है। इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 50 हजार रुपये का खर्च आया। निजी अस्पताल में यह खर्च लगभग पांच लाख से अधिक आ सकता है। 

-डॉ. विजेंद्र कुमार, न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रमुख, कैंसर संस्थान।

टीम में ये रहे शामिल 

ऑपरेशन की प्रक्रिया में न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. विजेंद्र कुमार, डॉ. अमित उपाध्याय के साथ एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. इंदु बाला और अन्य नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ ने सहयोग किया। 

बेहतरी की ओर बढ़ रहा संस्थान

कैंसर संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. देवाशीष शुक्ला ने बताया कि न्यूरोसर्जरी विभाग में कई आधुनिक उपकरण मुहैया करवाए गए हैं। इससे स्पाइन कैंसर और मस्तिष्क संबंधी कई बीमारियों के लिए इलाज किए जा सकते हैं।

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