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UP News: सड़क दुर्घटना में तीन से ज्यादा हुई मौत तो बैठेगी जांच कमेटी, पांच दिनों के भीतर देनी होगी रिपोर्ट

UP News उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश सड़क दुर्घटना जांच योजना 2023 की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके तहत प्रदेश में सड़क दुर्घटना में तीन या तीन से ज्यादा लोगों की मृत्यु होने पर उसकी जांच एक समिति द्वारा की जाएगी। कमिश्नरेट वाले जिलों में पुलिस उपायुक्त (यातायात) तथा शेष जिलों में पलिस उपाधीक्षक (यातायात) नोडल अधिकारी के सहयुक्त अधिकारी होंगे।

By Shobhit SrivastavaEdited By: Prince SharmaUpdated: Fri, 13 Oct 2023 04:16 AM (IST)
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UP News: सड़क दुर्घटना में तीन से ज्यादा हुई मौत तो बैठेगी जांच कमेटी, पांच दिनों के भीतर देनी होगी रिपोर्ट
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश सरकार ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश सड़क दुर्घटना जांच योजना 2023 की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके तहत प्रदेश में सड़क दुर्घटना में तीन या तीन से ज्यादा लोगों की मृत्यु होने पर उसकी जांच एक समिति द्वारा की जाएगी।

इन मामलों में समन्वय के लिए जिला और राज्य स्तर पर भी अलग-अलग समितियां गठित होंगी। गुरुवार अधिसूचना के साथ ही ऐसे प्रारूप भी जारी किए गए हैं जिनके आधार पर जांच की जानी है। दुर्घटना से संबंधित विवरण इसी प्रारूप पर दर्ज किया जाएगा।

अधिकारियों को दी गई जिम्मेदारी

परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव एल. वेंकटेश्वर लू की ओर से जारी अधिसूचना में प्रत्येक जिले में बनने वाली 'दुर्घटना जांच समिति' का नोडल अधिकारी सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) को बनाया गया है। कमिश्नरेट वाले जिलों में पुलिस उपायुक्त (यातायात) तथा शेष जिलों में पलिस उपाधीक्षक (यातायात) नोडल अधिकारी के सहयुक्त अधिकारी होंगे।

जिलों में यातायात निरीक्षक या पुलिस कप्तान द्वारा नामित इंस्पेक्टर या इससे ऊपर के अधिकारी सदस्य होंगे। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता (प्रांतीय खंड) द्वारा नामित अभियंता और संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) भी सदस्य होंगे। जिलाधिकारी के अनुमोदन पर ही यह समिति गठित होगी।

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बड़ी दुर्घटना होने पर थाना प्रभारी इसकी सूचना तत्काल समिति के सदस्यों को उपलब्ध कराएंगे। सूचना प्राप्त होते ही जांचकर्ता पुलिस अधिकारी को तत्काल दुर्घटनास्थल पर जाना होगा और अन्य सदस्यों को भी सूचित करना होगा। समिति पांच दिनों के अंदर दुर्घटना की जांच रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए बैठक करेगी।

एनजीओ के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे

जांच समिति के सदस्यों के बीच समन्वय तथा किसी विवाद का समाधान करने के लिए डीएम की अध्यक्षता में 'जिला स्तरीय समन्वय समिति' गठित की जाएगी। इसमें पुलिस, स्वास्थ्य, लोक निर्माण विभाग, परिवहन व भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी के अलावा एक सड़क सुरक्षा के लिए काम करने वाले किसी एनजीओ के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।

राज्य स्तर पर समन्वय के लिए परिवहन आयुक्त की अध्यक्षता में 'राज्य स्तरीय समन्वय समिति' गठित की जाएगी। पुलिस महानिरीक्षक यातायात, लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष, अपर परिवहन आयुक्त प्रशासन व एनजीओ के प्रतिनिधि सदस्य होंगे। अपर परिवहन आयुक्त सड़क सुरक्षा इसके सदस्य सचिव होंगे।

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