UP News: यूपी बनेगा ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर का सुपर हब, योगी सरकार लाएगी यूपी जीसीसी नीति-2024
उत्तर प्रदेश में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) के सुपर हब की स्थापना की तैयारी है जिससे 5 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा। योगी आदित्यनाथ सरकार जीसीसी नीति-2024 लाने जा रही है जिसमें निवेशकों को स्टांप ड्यूटी में 100% राहत और अन्य सहूलियतें दी जाएंगी। जीसीसी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस साइबर सुरक्षा डाटा विश्लेषण और क्लाउड-क्वांटम कंप्यूटिंग पर कंपनियों को तकनीकी सुविधाएं मिलेंगी।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश को अब ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) यानी वैश्विक क्षमता केंद्र का सुपर हब बनाने की तैयारी है। योगी आदित्यनाथ सरकार इसके लिए पहली बार नीति लाने जा रही है।
नीति के तहत निवेशकों को स्टांप ड्यूटी में शत प्रतिशत राहत देने के साथ ही अन्य कई तरह की सहूलियतें दी जाएंगी। एक हजार जीसीसी स्थापित करने के लक्ष्य के साथ ही पांच लाख से ज्यादा युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
जीसीसी ऐसे बहुआयामी सुविधायुक्त केंद्र होते हैं जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), साइबर सुरक्षा, डाटा विश्लेषक, रोबोटिक्स और क्लाउड-क्वांटम कंप्यूटिंग इत्यादि पर कंपनी को तकनीकी उपलब्ध कराते हैं।
आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग द्वारा पांच वर्ष के लिए तैयार की गई यूपी जीसीसी नीति-2024 को जल्द ही कैबिनेट से पारित कराया जाएगा। हब एंड स्पोक माडल पर विकसित किए जाने वाले जीसीसी के चार घटक होंगे, जिसमें ग्लोबल हब, सेटेलाइट ऑफिस, आउटसोर्स सेंटर व कलस्टर ऑफिस शामिल होंगे।
आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री सुनील कुमार शर्मा बताते हैं कि अभी देश में गौतमबुद्धनगर जीसीसी के बड़े हब के तौर पर है। कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज व मेरठ में भी यह सेंटर हैं। प्रस्तावित नीति से प्रदेशभर में जीसीसी का तेजी से विस्तार होगा। आगरा, बरेली, गोरखपुर व वाराणसी में जीसीसी स्थापित होंगे।
शर्मा के मुताबिक, 40 आईटी पार्क व 25 स्पेशल इकोनामी जोन (एसईजेड) में भी नीति के जरिए निवेश व उपक्रम स्थापना को बढ़ावा दिया जाएगा। विश्व स्तरीय संसाधनों के साथ-साथ डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध होगा।
गौरतलब है कि हाल ही में सरकार ने आईटी सेक्टर को उद्योग का दर्जा देने का निर्णय किया है। ऐसे में आईटी कंपनियों को औद्योगिक क्षेत्रों में आसानी से जमीन मिलने के साथ ही बिजली पर भी छूट होगी। जीसीसी की नई नीति से आईटी सेक्टर को और रफ्तार मिलेगी।
न्यूनतम 15 करोड़ का निवेश व 500 लोगों को रोजगार
प्रस्तावित नीति के तहत जीसीसी की दो श्रेणियां होंगी। प्रदेश में लेवल-वन के जीसीसी स्थापित करने के लिए न्यूनतम 15 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद में जीसीसी के लिए न्यूनतम 20 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। प्रत्येक जीसीसी में 500 से अधिक लोगों को राेजगार उपलब्ध कराने की भी अनिवार्यता रहेगी।
एडवांस्ड जीसीसी के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा 50 करोड़ रखी गई है। गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद में एडवांस्ड जीसीसी खोलने के लिए 75 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। इनमें एक हजार से अधिक लोगों को रोजगार देना होगा। जीसीसी स्थापित करने के लिए इन्वेस्ट यूपी को नोडल एजेंसी बनाया गया है। जीसीसी के लिए इन्वेस्ट यूपी में ही आवेदन करना होगा।
बुंदेलखंड व पूर्वांचल में जमीन पर 50 प्रतिशत सब्सिडी
अगर कोई निवेशक बुंदेलखंड व पूर्वांचल में जीसीसी स्थापित करना चाहता है तो सरकार उसे जमीन पर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी देगी। पश्चिमी व पूर्वी उत्तर प्रदेश में 40 प्रतिशत जबकि गौतमबुद्धनगर-गाजियाबाद में भूमि पर 30 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा।
तय समय में जीसीसी स्थापित न होने की दशा में अनुदान पर सरकार 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज वसूलेगी। एक करोड़ रुपये तक टर्म लोन लेने पर निवेशकों को पांच प्रतिशत की दर से ब्याज सब्सिडी दी जाएगी। लीज रेंट, डाटा सेंटर, बैंडविथ, क्लाउड सर्विस व विद्युत आदि पर भी 20 प्रतिशत की दर से सब्सिडी दी जाएगी।
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