कार पर लिखवाया उत्तर प्रदेश सरकार, ड्राइवर को पहनाता था PRD की वर्दी- नेताओं को ठगने वाला ‘प्रोटोकॉल अधिकारी’ गिरफ्तार
fake protocol officer Case - खुद को मुख्यमंत्री का प्रोटोकॉल अधिकारी और सचिव बताकर करोड़ों की ठगी करने वाले रामशंकर उर्फ आशीष कुमार और उसके साथी अरविंद त्रिपाठी उर्फ गणेश उर्फ योग गुरु को एसटीएफ ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया है। अरविंद त्रिपाठी खुद को योग गुरु भी बताता था। नेताओं की शुगर बीपी समेत अन्य बीमारियां दूर करने के नाम पर उन्हें योग सिखाता था।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। खुद को मुख्यमंत्री का प्रोटोकॉल अधिकारी और सचिव बताकर करोड़ों की ठगी करने वाले रामशंकर उर्फ आशीष कुमार और उसके साथी अरविंद त्रिपाठी उर्फ गणेश उर्फ योग गुरु को एसटीएफ ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया है। अरविंद त्रिपाठी खुद को योग गुरु भी बताता था।
नेताओं की शुगर, बीपी समेत अन्य बीमारियां दूर करने के नाम पर उन्हें योग सिखाता था। आध्यात्मिक कक्षाएं चलाता था। वहां से अपने संपर्क बनाकर व्यवसायियों को टेंडर दिलाने राजनीति में ऊंचा मुकाम पाने की इच्छा रखने वाले लोगों को राज्य मंत्री बनवाने के नाम पर ठगी करता था।
ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर भी ठगी
आशीष अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर भी ठगी करता था। दोनों के संपर्क में कई भाजपा के कार्यकर्ता भी थे। उन्हें जिलाध्यक्ष और अन्य अहम पदों की जिम्मेदारी दिलाने का झांसा देकर करोड़ों रुपये भी ठगे थे। रामशंकर ने अपनी कार पर उत्तर प्रदेश सरकार लिखवा रखा था।
हालांकि, एसटीएफ के अफसर अभी इनके चंगुल में फंसे नेताओं के नाम नहीं बता रहे हैं। उनका दावा है कि तफ्तीश की जा रही है। दोनों से पूछताछ में गिरोह के बारे में कई अहम सुराग मिले हैं।
विभूतिखंड से गिरफ्तार किए गए आरोपी
एएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि रामशंकर मूल रूप से पीलीभीत के बीसलपुर का रहने वाला है। यहां अलीगंज की विष्णुपुरी कालोनी में रहता था। अरविंद त्रिपाठी अशोक विहार दिल्ली, केशवपुरम त्रिनगर का रहने वाला है। दोनों को विभूतिखंड से पकड़ा गया है।
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दोनों ने हिंदुस्तान स्काउट एंड गाइड एसोसिएशन की ट्रेनिंग और लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर 100 से अधिक छात्रों से भी रुपये वसूले थे। ट्रेनिंग के नाम पर प्रति छात्र 7500 रुपये फीस ली थी। कई फर्जी नियुक्ति पत्र भी मिले हैं।
लोगों को बताता पीसीएस से हुआ भर्ती
रामशंकर खुद अपने ड्राइवर को पीआरडी की वर्दी पहनाकर रखता था। गाड़ी से वर्दी भी बरामद हुई है। रामशंकर ने एमएससी कर रखी थी। उसके पास से दिल्ली सुकरात विवि की पीएचडी की डिग्री भी मिली है। वह लोगों से बताता था कि पीसीएस से भर्ती हुआ था। उसके बाद कई जिलों में एडीएम रहा। फिर मुख्यमंत्री का प्रोटोकाल अधिकारी बन गया। उसके बाद वहां से उसे सुकरात विवि का कुलपति बना दिया गया।
दो-दो नामों से आधार कार्ड, एक से था बैंक खाता
दोनों के पास से दो अलग-अलग नामों के आधार कार्ड मिले हैं। रामशंकर के पास एक आधार कार्ड इसी नाम से मिला है। दूसरा आशीष गुप्ता के नाम से। आशीष गुप्ता वाले आधार कार्ड से उसने बैंक खाता खुलवा रखा था। ठगी के रुपये उसी खाते में मंगवाता था। खातों की डिटेल खंगाली जा रही है।