Move to Jagran APP

UP News: यूपी के इन जिलों को योगी सरकार ने दी सौगात, चार हजार में मिलेगा 40 हजार का लाभ

उत्तर प्रदेश के चार जिलों में 2250 घरेलू बायो गैस संयंत्र लगाए जाएंगे। अयोध्या गोरखपुर वाराणसी और गोंडा जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में यह परियोजना लागू होगी। सिस्टेमा बायो संस्था इसके लिए जिम्मेदार होगी। किसानों को स्वच्छ ईंधन और जैविक खाद मिलेगी। पर्यावरण में भी सुधार होगा। कुल लागत 39300 रुपये में किसानों का योगदान महज 10% (3990 रुपये) होगा।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Sat, 19 Oct 2024 02:25 AM (IST)
Hero Image
परियोजना के तहत महिलाओं, लघु एवं छोटे किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के चार जिलों में 2250 घरेलू बायो गैस संयंत्रों की स्थापना की जाएगी। अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी व गोंडा के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित किए जाने वाले इन संयंत्रों के लिए सिस्टेमा बायो संस्था को शुक्रवार को पर्यावरण निदेशालय में स्वीकृति पत्र भी प्रदान किया गया। संयंत्रों के इस्तेमाल से खाना पकाने के लिए बायो गैस के साथ साथ कृषि के लिए उपयोगी जैविक खाद भी मिल सकेगी।

वन व जलवायु परिवर्तन विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने बताया कि प्रत्येक बायो गैस संयंत्र की कुल लागत 39,300 रुपये है, इसमें लाभार्थी किसानों को केवल 3,990 रुपये ही अंशदान करना होगा। 

किसान पर कम रहेगा आर्थिक भार

योजना के तहत सिस्टेमा बायो संस्था द्वारा संयंत्र से उत्पन्न कार्बन क्रेडिट का विक्रय कर 20,960 रुपये की व्यवस्था की जाएगी, जिससे किसान पर आर्थिक भार कम रहेगा। शेष राशि भुगतान केंद्रीय वित्तीय सहायता और कार्बन क्रेडिट से किया जाएगा।

यह कार्बन फाइनेंसिंग मॉडल न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि किसानों के लिए सस्ता और टिकाऊ भी होगा। सिस्टेमा बायोसंस्था 10 वर्ष तक किसानों को सेवा प्रदान करेगी, ताकि संयंत्रों का सुचारू संचालन और रखरखाव सुनिश्चित किया जा सके। 

इस परियोजना के तहत महिलाओं, लघु एवं छोटे किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में कार्बन उत्सर्जन को कम करना, कृषि में जैविक उर्वरकों का उपयोग बढ़ाना और परिवारों को स्वच्छ ईंधन के साथ-साथ अतिरिक्त आय के अवसर प्रदान करना है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, निदेशक पर्यावरण आशीष तिवारी भी मौजूद रहे।

1000 नई दुग्ध दुग्ध समितियों का होगा गठन

लखनऊ। प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए 1000 नई दुग्ध विकास समितियों का गठन किया जाएगा। नंद बाबा मिशन के तहत बनाई जाने वाली इन समितियों के अलावा प्रादेशिक कोआपरेटिव डेयरी फेडरेशन (पीसीडीएफ) से जुड़ी दुग्ध समितियों के लंबित भुगतान से जुड़ी दिक्कतों को भी दूर किया जाएगा। 

बता दें कि प्रदेश के 19 दुग्ध संघों में 18,108 निबंधित समितियां हैं। जिसमें 7346 दुग्ध समितियां ही फिलहाल सक्रिय हैं। 10,762 ऐसी समितियां जो निष्क्रिय हैं, उन्हें भी पुनर्जीवित करने की योजना विभाग के स्तर से तैयार की जा रही है। इसके साथ ही नंद बाबा दुग्ध मिशन के तहत सभी दुग्ध समितियों का डेटाबेस तैयार किया जाएगा।

खाद्य सुरक्षा पर 16-17 नवंबर को दो दिवसीय कार्यशाला

लखनऊ। क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केंद्र की स्थापना के 20 वर्ष पूरे होने पर संस्था द्वारा नवंबर माह में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। 16-17 नवंबर को उद्यान भवन परिसर में खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता विषय पर आयोजित कार्यशाला में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े कई सत्रों का आयोजन किया जाएगा। 

कार्यशाला में खाद्य मिलावट, गुणवत्ता नियंत्रण, खाद्य पैकेजिंग और लेबलिंग, सरकारी योजनाओं में मिलने वाले अनुदान और वित्तीय प्रोत्साहन सहित अन्य विषयों पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे।

यह भी पढ़ें: बदायूं में बच्ची से दुष्कर्म कर गला काटकर हत्या, दरिंदे ने चेहरा व सिर कुचला… सिर से लेकर पैरों तक बहा खून

यह भी पढ़ें: पुलिस स्मृति दिवस: बलिदानी जवान रोहित व सचिन के परिजनों को सम्मानित करेंगे मुख्यमंत्री, करेंगे योजनाओं की घोषणा

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।