यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा-2023 की डेट घोषित, दोबारा जारी होंगे सभी अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड–Details
उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती की परीक्षा लीक होने के बाद अब दोबारा परीक्षा आयोजित करवाए जाने की तिथि घोषित कर दी गई है। पेपर लीक होने के कारण 24 फरवरी को सिपाही भर्ती परीक्षा निरस्त कर दी गई थी। मुख्यमंत्री योगी ने छह माह के भीतर दोबारा परीक्षा कराने का निर्देश दिया था। यह परीक्षा 23 24 25 30 व 31 अगस्त को आयोजित करवाई जा सकती है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस में आरक्षी नागरिक पुलिस के 60,244 के पदों पर भर्ती की आफलाइन लिखित परीक्षा अगले माह पांच अलग-अलग तिथियों में दो-दो पालियों में होगी। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड ने 23, 24, 25, 30 व 31 अगस्त को परीक्षा कराए जाने की घोषणा की है। यह अब तक की सबसे बड़ी सिपाही भर्ती है।
सिपाही भर्ती परीक्षा के महत्वपूर्ण बिंदु
पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष/डीजी राजीव कृष्ण के अनुसार-
- सभी 48,17,442 अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र जारी किया जाएगा। इनमें 15,48,769 महिला अभ्यर्थी भी शामिल होंगी।
- काेई नया आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
- निष्पक्ष, पारदर्शी व शुचितापूर्ण परीक्षा संपन्न कराने के लिए पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित कराए जा रहे हैं।
- प्रदेश में कुल 1,161 परीक्षा केंद्रों होंगे।
- इस बार सरकारी व सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों काे ही परीक्षा केंद्र बनाया गया है, जो जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर की परिधि के भीतर होंगे।
- पांच दिनों में अलग-अलग 10 पालियों में परीक्षा होगी और सभी पालियों में अलग-अलग प्रश्न पत्र होंगे।
- जन्माष्टमी के कारण परीक्षा की तिथियों के बीच चार दिन का अंतराल दिया गया है।
विपक्ष ने भी उठाए थे सवाल
सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद विपक्ष ने भी बड़े सवाल उठाए थे। मुख्यमंत्री ने सिपाही भर्ती और फिर समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) भर्ती परीक्षा के पेपर लीक होने के बाद नकल विहिन परीक्षा संपन्न कराने व सॉल्वर गिरोह पर शिकंजा कसने के लिए कड़ा कानून बनाए जाने का निर्देश दिया था।एक करोड़ रुपये जुर्माने का प्रावधान
कैबिनेट बैठक में 25 जून को उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अध्यादेश 2024 को स्वीकृति प्रदान की गई थी। इसके तहत पेपर लीक कराने वालों पर दो वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा व एक करोड़ रुपये जुर्माना का प्रावधान किया गया है। अपराध साबित होने पर दोषियों की संपत्ति भी कुर्क की जाएगी और परीक्षा रद होने पर उसका पूरा खर्च सॉल्वर गिरोह से वसूला जा सकेगा।
शासन ने इससे पूर्व 19 जून को चयन प्रक्रिया को पारदर्शी व निष्पक्ष बनाने के लिए परीक्षा संबंधी विभिन्न व्यवस्थाओं, परीक्षा केंद्रों के चयन, परीक्षार्थियों के सत्यापन, नकल रोकने समेत अन्य बिंदुओं पर विस्तृत दिशा निर्देश भी जारी किए थे। सिपाही भर्ती परीक्षा उन सभी मानकों के अनुरूप कराई जा रही है। शासन, प्रशासन, पुलिस व परीक्षा में विभिन्न कार्याें के लिए शामिल एजेंसियों की जिम्मेदारियां तय की गई हैं।
सुरक्षा कारणों से बढ़ाई गईं पालियां
पिछली बार सिपाही भर्ती परीक्षा दो दिनों में चार पालियों में संपन्न कराई गई थी। तब कुल 48,17,422 अभ्यर्थियों में से कुल 43,13,611 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। प्रत्येक पाली में 10 लाख से अधिक अभ्यर्थी परीक्षा केंद्र पहुंचे थे। पिछली बार 2,385 परीक्षा केंद्र थे। इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों पर नजर रखने व परीक्षा केंद्रों में पुख्ता सुरक्षा प्रबंधों को देखते हुए इस बार पांच दिनों में 10 पालियों में परीक्षा कराए जाने का निर्णय किया गया है।
हर पाली में लगभग पांच लाख अभ्यर्थियों के अनुसार, कड़े सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित कराए जाएंगे और सॉल्वर गिरोह व नकल करने वालों की कड़ी निगरानी करना भी आसान होगा। इसके साथ ही परीक्षार्थियों को आवागमन में भी सुविधा रहेगी। परीक्षा केंद्रों के बाहर अधिक भीड़ भी नहीं होगी। परीक्षा केंद्रों के भीतर इस बार अधिक कड़ा पहरा होगा और सीसीटीवी कैमरों के जरिए चप्पे-चप्पे पर निगाह रखी जाएगी।
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