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UP Police Insignia: यूपी पुलिस को पहली बार मिला अपना प्रतीक चिह्न, डीजीपी डा. डीएस चौहान ने किया अनावरण

UP Police New Logo यूपी पुलिस को पहली बार अपना प्रतीक चिह्न मिल गया है। डीजीपी डा. डीएस चौहान ने इसे जारी किया है। इस प्रतीक चिह्न को डीजीपी से लेकर सिपाही तक अपनी वर्दी पर लगाएंगे। इसे वर्दी की शर्ट की दाहिनी जेब के ऊपर लगाया जाएगा।

By Alok MishraEdited By: Umesh TiwariPublished: Tue, 01 Nov 2022 08:41 PM (IST)Updated: Tue, 01 Nov 2022 08:41 PM (IST)
यूपी के सभी पुलिसकर्मी नेमप्लेट के ऊपर लगाएंगे चिह्न।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। यूपी पुलिस (UP Police) के लिए मंगलवार का दिन बेहद खास रहा। उसे पहली बार अपना प्रतीक चिह्न (UP Police Insignia) मिल गया है। डीजीपी डा. डीएस चौहान (DGP Dr DS Chauhan) ने प्रतीक चिह्न का अनावरण किया और उसे पुलिस अधिकारियों व कर्मियों की वर्दी पर लगाया गया। इस प्रतीक चिह्न को डीजीपी से लेकर सिपाही तक अपनी वर्दी पर लगाएंगे। इसे वर्दी की शर्ट की दाहिनी जेब के ऊपर लगाया जाएगा। पुलिस की भाषा में प्रतीक चिह्न को इनसिग्निया कहा जाता है।

डीजीपी से सिपाही तक करेंगे धारण

यूपी पुलिस के प्रतीक चिह्न में पुलिस कलर (नीले व लाल रंग) का उपयोग किया गया है और उसमें अशोक की लाट के नीचे सत्यमेव जयते लिखा है। नीचे उत्तर प्रदेश पुलिस लिखा है और बीच में दो मछलियों की आकृति बनी हैं। अब डीजीपी से लेकर सिपाही तक पुलिस चिह्न को वर्दी में दाहिनी ओर सीने पर नेमप्लेट के ऊपर धारण करेंगे। अभी पुलिस अधिकारी व कर्मी वर्दी में बाजू पर उत्तर प्रदेश शासन का चिह्न धारण करते हैं।

स्थापना के 159 वर्ष बाद मिला चिह्न

उत्तर प्रदेश पुलिस बल की स्थापना के 159 वर्ष बाद उसे अपना प्रतीक चिह्न मिला है। इसकी कल्पना इसी वर्ष पंद्रह अगस्त के अवसर पर की गई थी। वर्तमान में पंजाब, दिल्ली, त्रिपुरा, जम्मू-कश्मीर व कुछ अन्य राज्यों की पुलिस के अपने प्रतीक चिह्न हैं। डीजीपी मुख्यालय में आयोजित समारोह में प्रीतक चिह्न का अनावरण किया गया। उत्तर प्रदेश पुलिस भारत गणराज्य के सबसे पुराने पुलिस विभागों में से एक है और दुनिया में सबसे बड़ा पुलिस बल है। इसे पुलिस अधिनियम 1861 के तहत वर्ष 1863 में संयुक्त प्रांत के पुलिस महानिरीक्षक के कार्यालय के रूप में स्थापित किया गया था, जो 159 वर्ष पुराना बल है।

नेहरू ने दिया था राष्ट्रपति का कलर

पुलिस कार्य के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 13 नवंबर, 1952 को यूपी पुलिस को राष्ट्रपति का कलर प्रदान किया था। यह गौरव हासिल करने वाला यूपी पुलिस देश का पहला पुलिस बल था। तभी से यूपी पुलिस का झंडा नीले व लाल रंग का है। प्रतीक चिह्न बनवाने में एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार व एडीजी यातायात अनुपम कुलश्रेष्ठ की महत्वपूर्ण भूमिका रही। प्रतीक चिह्न को बनाने में फैशन डिजाइनर पूर्णिमा भिक्ता का भी सहयोग रहा।

डीजीपी ने इन्हें लगाया पुलिस चिह्न

समारोह में डीजीपी ने डीजी जेल आनन्द कुमार, डीजी एसएसआइटी रेणुका मिश्रा, डीजी होमगार्ड बीके मौर्य, डीजी पावर कारपोरेशन एनएन साबत, डीजी फायर सर्विस अविनाश चन्द्रा, डीजी प्रशिक्षण डा. संजय एम. तरडे, एडीजी अपराध एमके बशाल, एडीजी यातयात अनुपम कुलश्रेष्ठ, आइजी कानून-व्यवस्था डा. संजीव गुप्ता, एसपी यातायात एपी सिंह, एएसपी एसएसआइटी श्वेता श्रीवास्तव, पुलिस उपाधीक्षक महिला व बाल सुरक्षा संगठन सौम्या पांडेय, निरीक्षक निजी सुरक्षा अधिकरण सच्चिदानन्द राय, उपनिरीक्षक रेलवे नजर अब्बास, मुख्य आरक्षी यातायात निदेशालय शशांक बाबू शुक्ला तथा महिला आरक्षी एएनटीएफ पूजा कार्की को प्रतीक चिह्न लगाया गया।

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