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UP Police के 'यूपी कॉप' ऐप की बढ़ी लोकप्रियता, पुलिस स्टेशन जाए बिना लीजिए 27 तरह की सुविधाओं का लाभ

UP Cop Mobile App उत्तर प्रदेश पुलिस की मोबाइल एप्लीकेशन यूपीकॉप को बीते 3 माह में 15 लाख से ज्यादा लोगों ने किया डाउनलोड। ई-एफआईआर डाउनलोड की संख्या में दोगुनी से ज्यादा तो ई-एफआईआर और सामान खोने की रिपोर्ट की संख्या में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

By Umesh TiwariEdited By: Updated: Wed, 24 Aug 2022 11:48 PM (IST)
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UP Cop Mobile App: आपके फोन पर उपलब्ध है उत्तर प्रदेश पुलिस।

UP Cop Mobile App: लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार आम नागरिकों की सहूलियत का पूरा ध्यान रख रही है। खासतौर पर कानून व्यवस्था चाक चौबंद करने के साथ-साथ सरकार का प्रयास है कि लोगों को कानून की सेवा झटपट मिल सके। इसके लिए लोग चौकी और थानों के चक्कर न लगाएं। इसी को देखते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस की वर्चुअल एप्लीकेशन यूपीकॉप की शुरुआत की गई थी।

योगी सरकार के पहले कार्यकाल में प्रयास किया गया था कि उत्तर प्रदेश पुलिस लोगों की मित्र बनकर उन्हें सेवाएं प्रदान करे। सरकार का यह प्रयास दूसरे कार्यकाल में फलीभूत होता नजर आ रहा है। इसका उदाहरण है कि यूपीकॉप एप को बीते 3 माह में 15 लाख से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया है। 

अपर पुलिस महानिदेशक (तकनीकी सेवाएं) मोहित अग्रवाल के मुताबिक, यूपी पुलिस पर आम नागरिकों का भरोसा लगातार बढ़ रहा है। यूपीकॉप के डाउनलोड की संख्या ही नहीं, बल्कि इस पर उपलब्ध सेवाओं का भी लोग इस्तेमाल कर रहे हैं।

एफआईआर डाउनलोड की संख्या जो तीन माह पूर्व सिर्फ 60 लाख थी, वह बढ़कर 1.24 करोड़ पहुंच गई है। ई-एफआईआर और सामान खोने की रिपोर्ट की संख्या में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यही नहीं, सत्यापन सेवाओं का गत 3 माह में लगभग 4 लाख लोगों द्वारा प्रयोग किया गया। पूर्व में यह संख्या सिर्फ 15 से 20 हजार प्रतिमाह रहती थी।

अपर पुलिस महानिदेशक (तकनीकी सेवाएं) मोहित अग्रवाल के मुताबिक, यूपीकॉप मोबाइल एप सर्वाधिक लोकप्रिय एप बना हुआ है। गूगल के प्ले स्टोर पर इसे 4.3 की स्टार रेटिंग मिली है। इस एप की मदद से उत्तर प्रदेश पुलिस की 27 तरह की सेवाओं का लाभ बिना थाने या चौकी जाए उठाया जा सकता है।

इनमें ई-प्राथमिकी पंजीकरण, एफआईआर देखने व डाउनलोड करने, खोई वस्तु का पंजीकरण, चुराए गए या बरामद किए गए वाहन का विवरण, खराब व्यवहार की सूचना देना, चरित्र प्रमाण पत्र, किरायेदार सत्यापन, घरेलू सहायता सत्यापन, कर्मचारी सत्यापन, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, जुलूस अनुरोध, विरोध या हड़ताल पंजीकरण अनुरोध, इनामी अपराधियों की फोटो सहित विवरण, अज्ञात शव का विवरण, लापता व्यक्तियों की फोटो सहित विवरण एवं साइबर जागरूकता के बारे में जानकारी और वाहन एनओसी प्राप्त करने जैसी सुविधाओं का लाभ लिया जा सकता है।

मुख्य रूप से अज्ञात अभियुक्तों के विरुद्ध ई-एफआईआर के जरिए बिना थाना गए कहीं से भी मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है। एफआईआर की कॉपी मोबाइल पर प्राप्त की जा सकती है। ई-एफआईआर के तहत 6 तरह के मामलों में पंजीकरण हो सकता है।

इनमें चोरी (चैन, पर्स, मोबाइल, वाहन), लूट, नकबजनी, साइबर अपराध, जाली भारतीय मुद्रा और नाबालिग बच्चों की गुमशुदगी शामिल है। प्रदेश की अधिकाधिक जनता के भाषायी हितों को देखते हुए इसे हिंदी एवं अंग्रेजी में देखने का विकल्प उपलब्ध है।

सेवाओं के साथ-साथ एप में कई और अनोखी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। इन्हीं में से एक है अनइंस्टॉल बैंड एप। यदि आपके फोन पर गलती से कोई ऐसी एप डाउनलोड हो गई है, जो सरकार की सूची में नहीं है या फिर गैरकानूनी है तो इस फीचर के इस्तेमाल से आप उस एप को अनइंस्टॉल कर पाएंगे।

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