UP: दारा सिंह चौहान के इस्तीफे के बाद घोसी सीट पर होगा उपचुनाव, लोकसभा से पहले सपा के PDA दांव की होगी परीक्षा
वर्ष 2017 में मधुबन से चुनाव जीतने वाले दारा सिंह ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के चुनाव चिह्न पर घोसी सीट से लड़ा और जीता था। दारा सिंह की पूर्वांचल में पिछड़ी जाति में आने वाले लोनिया चौहान बिरादरी में अच्छी पकड़ है। वह अब भाजपा में शामिल हो गए हैं और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी प्रमुख ओम प्रकाश राजभर भी एनडीए का हिस्सा बन गए हैं।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की तैयारियों की पहली परीक्षा होगी। सपा विधायक दारा सिंह चौहान के इस्तीफा देने से यह सीट रिक्त हुई है। दारा सिंह अब फिर से भाजपा में चले गए हैं।
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यह उपचुनाव होगा। इस उपचुनाव में सपा का ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) गठजोड़ कितना कारगर होगा यह भी सामने आ जाएगा। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले योगी सरकार 1.0 में वन एवं पर्यावरण मंत्री रहे दारा सिंह चौहान ने मंत्री पद छोड़कर साइकिल पर सवार हो गए थे।
भाजपा में शामिल हुए दारा सिंह चौहान
वर्ष 2017 में मधुबन से चुनाव जीतने वाले दारा सिंह ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के चुनाव चिह्न पर घोसी सीट से लड़ा और जीता था। दारा सिंह की पूर्वांचल में पिछड़ी जाति में आने वाले लोनिया चौहान बिरादरी में अच्छी पकड़ है। वह अब भाजपा में शामिल हो गए हैं और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी प्रमुख ओम प्रकाश राजभर भी एनडीए का हिस्सा बन गए हैं।
ऐसे में सपा को सीट बचाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। पूर्वांचल की पिछड़ी जातियों के इन दोनों ही नेताओं की अपनी-अपनी बिरादरी में अच्छी पकड़ है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव में ही गैर यादव पिछड़ी जातियों को जोड़ने के लिए तमाम प्रयास किए थे।
इसी का नतीजा था कि दारा सिंह सपा में आ गए थे, जबकि सुभासपा ने सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। अब दोनों नेता सपा के साथ नहीं हैं। महान दल भी सपा से अलग हो चुका है। सपा ने ‘इस बार मोदी सरकार’ की तर्ज पर ‘इस बार पीडीए सरकार’ का नारा दिया है।
घोसी सीट पर होगी सपा के PDA दांव की परीक्षा
चूंकि घोसी विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति के साथ ही यादव, राजभर, चौहान व मुस्लिम मतदाताओं की संख्या काफी अधिक हैं और यह चुनाव परिणाम में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। ऐसे में सपा के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की पहली परीक्षा घोसी उपचुनाव होगी।