UP Politics: यूपी की सियासत में फिर से ‘नॉट फाउंड सूटेबल’ मुद्दे की गर्माहट, अखिलेश यादव ने दे दी हवा
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर नॉट फाउंड सूटेबल को लेकर पिछले कुछ दिनों से छिड़ी बहस को हवा दे दी है। उन्होंने कहा कि नॉट फाउंड सूटेबल (एनएफएस) एक तरह की ऐसी स्वैच्छिक छूट है जिसको हथियार बनाकर भाजपा राज में कुछ प्रभुत्ववादी सोच के लोगों द्वारा पीडीए के हक-अधिकार की हत्या की जा रही है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। एसजीपीजीआई सहित कई संस्थानों में उपयुक्त नहीं पाया (नॉट फाउंड सूटेबल) को लेकर पिछले कुछ दिनों से छिड़ी बहस के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर एक पोस्ट करके फिर से इसे हवा दे दी।
अखिलेश यादव ने एक संस्थान की चयन सूची को पोस्ट करते हुए लिखा कि नॉट फाउंड सूटेबल (एनएफएस) एक तरह की ऐसी स्वैच्छिक छूट है, जिसको हथियार बनाकर भाजपा राज में कुछ प्रभुत्ववादी सोच के लोगों द्वारा पीडीए के हक-अधिकार की हत्या की जा रही है।
अखिलेश ने तंज कसते हुए लिखा कि पीडीए के शब्दकोश में एनएफएस की नयी व्याख्या- नाट फेयर सेलेक्शन जोड़ दी जाए।
सामाजिक न्याय के साथ-साथ शैक्षिक न्याय
पीडीए को सामाजिक न्याय के साथ-साथ शैक्षिक न्याय भी चाहिए। अखिलेश ने इसके साथ 26 जुलाई को हस्ताक्षर की गई एक संस्थान की कामर्स व बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग में प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर की गई चयन प्रक्रिया की सूची पोस्ट करते हुए सवाल उठाया है। इस सूची में नौ अभ्यर्थी एनएफएस मिले हैं, इसमें चार ओबीसी, तीन एससी और एक एसटी हैं।
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