UP Politics: लोकसभा चुनाव से पहले अखिलेश के लिए मुसीबत बने बागी, बोले- नेताजी वाली समाजवादी पार्टी नहीं रही
UP Politics कभी सपा का झंडा ऊंचा करने में जुटे नेता अब बागी खेमे में नजर आ रहे हैं। यहां तक कह रहे हैं कि यह समाजवादी पार्टी अब नेताजी (मुलायम) वाली नहीं है। बागियों ने यूपी जनसंवाद का आयोजन कर बिना नाम लिए ही पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा। लोकसभा चुनाव से पहले अब यह बागी अखिलेश यादव के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Mon, 11 Sep 2023 08:39 AM (IST)
जागरण संवाददाता, लखनऊ : कभी सपा का झंडा ऊंचा करने में जुटे नेता अब बागी खेमे में नजर आ रहे हैं। यहां तक कह रहे हैं कि यह समाजवादी पार्टी अब नेताजी (मुलायम) वाली नहीं है। बागियों ने यूपी जनसंवाद का आयोजन कर बिना नाम लिए ही पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा। लोकसभा चुनाव से पहले अब यह बागी अखिलेश यादव के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं।
रविवार को युवाओं की मौजूदगी में समाजवादी लोहिया वाहिनी के पूर्व प्रदेश व राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप तिवारी, वाहिनी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ब्रजेश यादव और पार्टी के विधायक प्रत्याशी रहे पीडी तिवारी ने स्वाभिमान समाजवादी मोर्चा का गठन कर समाजवादी पार्टी को बाहर का रास्ता दिखाने का संकल्प लिया। अब यह नेता जी (मुलायम) की समाजवादी पार्टी नहीं रही। पार्टी छोड़कर सच्चे समाजवादी स्वाभिमान समाजवादी मोर्चे में शामिल हो रहे हैं।
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मोर्चें के राष्ट्रीय संयोजक प्रदीप तिवारी ने कहा कि नौ वर्ष समाजवादी लोहिया वाहिनी के प्रदेश और दो वर्ष राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के बावजूद पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या की श्रीराम चरित मानस के प्रसंग टिप्पणी का विरोध किया तो पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
सनातन और ब्राह्मण पर टिप्पणी बर्दाश्त नहीं कर सका और इसी के चलते युवाओं के साथ मिलकर स्वाभिमान समाजवादी मोर्चा बनाकर समाजवादी पार्टी को देश और प्रदेश से बाहर करने का कार्य किया जाएगा।
ब्रजेश यादव और पीडी तिवारी भी राष्ट्रीय संयोजक की भूमिका में मोर्चे के साथ कंधे-से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। इससे पहले पूर्व सांसद डीपी यादव और पूर्व विधायक ठाकुर विजय प्रताप यादव ने दीप प्रज्जवलित कर जनसंवाद की शुरुआत की।
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