एक्सप्रेसवे धंसा, मकान बहे, 200 बीघा फसल डूबी; यूपी के इन जिलों में बिगड़े हालात, जनजीवन अस्त-व्यस्त
उत्तर प्रदेश में लगातार बारिश से कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। मीरजापुर चंदौली सोनभद्र कानपुर देहात और कन्नौज समेत कई जिलों में मकान गिरने और बांधों से पानी छोड़े जाने से स्थिति गंभीर हो गई है। चंदौली में तटबंध टूटने से फसलें डूब गईं जबकि कन्नौज में दीवार गिरने से दो लोगों की जान चली गई। प्रशासन राहत कार्य में जुटा है।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। पिछले दो-तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश से लोगों को गर्मी और उमस से राहत तो मिली, लेकिन मुसीबतें भी बढ़ गई हैं। कई जिलों में मकान गिरने से लोगों की मौत हो गई, तो वहीं डैमों से छोड़ा गया पानी ग्रामीण इलाकों में आफत बनकर पहुंचा।
मीरजापुर, चंदौली, सोनभद्र, कानपुर देहात, कन्नौज, फर्रुखाबाद, इटावा, एटा और बुंदेलखंड के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं। प्रशासन राहत व बचाव कार्यों में जुटा है, लेकिन ग्रामीणों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
लगातार बिगड़ते हालात को देखते हुए जिलों में राजस्व विभाग की टीमें क्षति का आकलन कर रही हैं। प्रशासन की ओर से प्रभावित परिवारों को मुआवजे का भरोसा दिया गया है। मीरजापुर जिले में भारी बारिश से 13 मकान धराशायी हो गए, जबकि वज्रपात से एक व्यक्ति की मौत हो गई।
यहां तक कि जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के गांव ओढ़ी में भी पानी घुस गया है। अहरौरा व जरगो डैम से छोड़े गए पानी के कारण चुनार तहसील क्षेत्र के 75 गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं। चंदौली जिले के बहेलियापुर बंधी का तटबंध टूट जाने से लगभग 200 बीघा धान की फसल डूब गई।
अभियंताओं की लापरवाही पर जिलाधिकारी ने जांच बैठा दी है। सोनभद्र में पिछले 48 घंटे से तेज बारिश के कारण धंधरौल, नगवां और कनहर बांधों के फाटक खोले गए, जिससे नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। कानपुर देहात में यमुना का जलस्तर मात्र आठ घंटे में चार मीटर बढ़ गया।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे बनी निकासी पटरी भी धंस गई। कन्नौज के गुरसहायगंज में दीवार गिरने से नितीश कुमार और उनकी बहन सुनीता की मौत हो गई, जबकि एक अन्य सपना घायल है। तीनों ईंट भट्ठे में काम करते थे। भाई-बहन बिहार के नवादा के रहने वाले थे जबकि सपना गया जिले के मुखासी की रहने वाली है।
जिले के तटवर्ती 14 गांवों में जलभराव से मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। फर्रुखाबाद, उन्नाव और फतेहपुर में गंगा का जलस्तर घटने लगा है, लेकिन अभी भी कई गांवों का संपर्क टूटा हुआ है। फर्रुखाबाद में पांच मकान गंगा में समा गए।
इटावा के चकरनगर क्षेत्र में चंबल नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा, जिससे सड़कें जलमग्न हो गईं। वहीं उरई में यमुना 24 घंटे में पांच मीटर तक बढ़ गईं। उधर, एटा जिले के हत्सारी गांव में बारिश के दौरान मकान गिरने से 28 वर्षीय युवक की मौत हो गई और सात लोग घायल हुए। हिम्मतनगर बझेरा गांव में भी दो मकान गिरे, हालांकि यहां जनहानि नहीं हुई।
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