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UP Scholarship: छात्रवृत्ति के लिए नई व्यवस्था लागू करने जा रही यूपी सरकार, जारी की गई समय सारिणी

UP Scholarship आधार आधारित बायोमैट्रिक उपस्थिति (अटेंडेंस) दर्ज नहीं होने पर विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी। प्रदेश सरकार वर्ष 2025-26 से इस व्यवस्था को शत-प्रतिशत शिक्षण संस्थानों में लागू करने जा रही है। शिक्षण संस्थानों में बायोमैट्रिक उपस्थिति चरणबद्ध तरीके से लागू करने के लिए सरकार ने दो वर्ष का समय दिया है। समाज कल्याण विभाग ने संस्थानों के लिए इसे लागू करने की समय सारिणी जारी कर दी है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Mon, 02 Oct 2023 04:04 PM (IST)
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छात्रवृत्ति के लिए नई व्यवस्था लागू करने जा रही यूपी सरकार, जारी की गई समय सारिणी
राज्य ब्यूरो, लखनऊ: आधार आधारित बायोमैट्रिक उपस्थिति (अटेंडेंस) दर्ज नहीं होने पर विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी। प्रदेश सरकार वर्ष 2025-26 से इस व्यवस्था को शत-प्रतिशत शिक्षण संस्थानों में लागू करने जा रही है।

शिक्षण संस्थानों में बायोमैट्रिक उपस्थिति चरणबद्ध तरीके से लागू करने के लिए सरकार ने दो वर्ष का समय दिया है। समाज कल्याण विभाग ने संस्थानों के लिए इसे लागू करने की समय सारिणी जारी कर दी है। प्रदेश सरकार हर वर्ष करीब 50 लाख गरीब परिवारों के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान करती है।

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नियमावली में सुधार कर रही सरकार

छात्रवृत्ति योजना में होने वाले घपलों को रोकने के लिए सरकार लगातार नियमावली में सुधार कर रही है। इसी कड़ी में सरकार ने छात्रवृत्ति पाने के लिए आधार आधारित बायोमैट्रिक उपस्थिति को अनिवार्य कर दिया है।

दशमोत्तर (कक्षा 11 से ऊपर) छात्रवृत्ति पाने के लिए समाज कल्याण विभाग ने कक्षाओं में विद्यार्थियों की 75 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति अनिवार्य कर रखी है। यानी 75 प्रतिशत से कम अटेंडेंस वाले छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिलता है।

समाज कल्याण विभाग ने शैक्षिक संस्थाओं में चरणबद्ध तरीके से आधार बायोमैट्रिक उपस्थिति लागू करने के लिए समय सारिणी लागू कर दी है।

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पहले चरण वित्तीय वर्ष 2023-24 में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय लखनऊ से संबद्ध संस्थान, स्टेट मेडिकल फैकल्टी से संबद्ध संस्थान, उत्तर प्रदेश होम्योपैथिक मेडिसन बोर्ड से संबद्ध संस्थान, उत्तर प्रदेश आयुर्वेद योगा, यूनानी, तिब्बी बोर्ड से संबद्ध संस्थान, समस्त राज्य विश्वविद्यालयों से संबद्ध बीएड पाठ्यक्रम वाले संस्थानों के साथ ही समस्त निजी विश्वविद्यालयों में यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी।

दूसरे चरण यानी वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य/केंद्रीय विश्वविद्यालय के कैंपस व संबद्ध संस्थान, परीक्षा नियामक प्राधिकारी से संबद्ध संस्थान, प्राविधिक शिक्षा परिषद से संबद्ध संस्थान, समस्त राजकीय आटोनामस विश्वविद्यालय/शिक्षण संस्थान, सभी डीम्ड विश्वविद्यालय व शेष बचे सभी शिक्षण संस्थानों में आधार आधारित बायोमैट्रिक उपस्थिति की सुविधा अनिवार्य रूप से शुरू करने की समय सीमा निर्धारित की गई है।

समाज कल्याण विभाग ने सभी शिक्षण संस्थानों को इसके आदेश भेज दिए हैं।

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