UP: निजी तकनीकी कॉलेजों की मंजूरी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ाया समय, फैसले से 4 लाख छात्रों को मिलेगी राहत
सुप्रीम कोर्ट ने चार लाख से अधिक छात्रों के हितों को देखते हुए शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए उत्तर प्रदेश के 750 से अधिक निजी तकनीकी संस्थानों को संबद्धता प्रदान करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर तक बढ़ाने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने 2013 में पार्श्वनाथ चैरिटेबल ट्रस्ट और अन्य बनाम अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) मामले में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था।
लखनऊ, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट ने चार लाख से अधिक छात्रों के हितों को देखते हुए शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए उत्तर प्रदेश के 750 से अधिक निजी तकनीकी संस्थानों को संबद्धता प्रदान करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर तक बढ़ाने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने 2013 में पार्श्वनाथ चैरिटेबल ट्रस्ट और अन्य बनाम अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) मामले में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था।
अदालत ने पूरे देश में एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थानों में शैक्षणिक सत्रों के लिए परीक्षा, काउंसलिंग और प्रवेश की समय सीमा तय की थी। उत्तर प्रदेश तकनीकी संस्थान फाउंडेशन (यूपीटीआइएफ) ने शीर्ष अदालत का रुख किया और दावा किया कि 2023-24 के शैक्षणिक सत्र के लिए मंजूरी प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार को प्राप्त आवेदनों पर शीर्ष अदालत द्वारा तय की गई समय सीमा 15 मई तक निर्णय नहीं लिया गया।
राज्य सरकार हर साल 15 मई तक तकनीकी संस्थानों को मंजूरी देने या नहीं देने पर निर्णय लेने के लिए बाध्य है। जस्टिस बीआर गवई और प्रशांत कुमार मिश्र की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और उनके सहायक वकील अभिनव गौड़ की दलीलों पर ध्यान दिया कि छात्रों, यूपीटीआइएफ और निजी तकनीकी कालेजों को बिना उनकी किसी गलती के शैक्षणिक सत्र के नुकसान से जूझना होगा।
उत्तर प्रदेश तकनीकी संस्थान फाउंडेशन (यूपीटीआइएफ) की ओर से पेश सिंघवी ने संबद्धता प्रदान करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर तक बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए एआइसीटीई द्वारा अनुमोदित तकनीकी संस्थानों और पाठ्यक्रमों के संबंध में काउंसलिंग के लिए 15 सितंबर के बाद एक महीने का समय दिया जाए। अदालत ने करीब चार लाख छात्रों के भविष्य पर विचार करते हुए समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध स्वीकार कर लिया।