UP Transport Scrap Policy: पुराने वाहनों को स्क्रैप कराने वालों को नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन में मिलेगी छूट
UP Parivahan Scrap Policy निजी वाहनों को स्क्रैप कराकर उनकी जगह नया वाहन खरीदने पर पंजीकरण के समय लगने वाले टैक्स में 15 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसी प्रकार व्यावसायिक वाहनों के मामले में 10 प्रतिशत छूट प्रदान की जाएगी।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। पुराने वाहन को स्क्रैप कराकर खरीदे जाने वाले नए वाहन के पंजीकरण पर अब छूट मिलेगी। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नए वाहन के मोटर यान कर में छूट प्रदान करने का निर्णय लिया है। परिवहन विभाग ने सोमवार को संबंधित अधिसूचना जारी कर दी।
विभागीय प्रमुख सचिव एल. वेंकटेश्वर लू की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि निजी वाहनों को स्क्रैप कराकर उनकी जगह नया वाहन खरीदने पर पंजीकरण के समय लगने वाले टैक्स में 15 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसी प्रकार व्यावसायिक वाहनों के मामले में 10 प्रतिशत छूट प्रदान की जाएगी। छूट के लिए स्क्रैप संबंधी 'निक्षेप प्रमाणपत्र' की तिथि से एक वर्ष में वाहन खरीदना होगा।
इस व्यवस्था से पुराने वाहनों को स्क्रैप में बदला जा सकेगा। इससे पुराने वाहनों के कारण होने वाले वायु प्रदूषण की रोकथाम में भी मदद मिलेगी। सरकार वाहनों को स्क्रैप में तब्दील करने के लिए लाइसेंस जारी करेगी। प्रदेश के हर जिले में स्क्रैप सेंटर खोला जाएगा ताकि लोग अपने वाहन स्क्रैप करा सकें।
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में वाहनों के स्क्रैप के लिए जारी किये जाने वाले निक्षेप प्रमाण-पत्र के सापेक्ष नया वाहन खरीद कर पंजीकृत कराने पर व्यावसायिक व गैर-व्यावसायिक वाहनों पर लगने वाले कर में छूट के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह के अनुसार इस व्यवस्था से पुराने और निष्प्रयोज्य वाहनों को स्क्रैप में बदला जा सकेगा। साथ ही पुराने की जगह नए वाहन खरीदने वालों को कर में छूट दी जाएगी। इससे पुराने वाहनों के कारण होने वाले वायु प्रदूषण की रोकथाम में मदद मिलेगी। वाहनों को स्क्रैप में तब्दील करने के लिए लाइसेंस जारी किये जाएंगे। लाइसेंसधारक ही वाहनों को स्क्रैप में बदलने का काम कर पाएंगे।
उन्होंने बताया कि वाहनों की स्क्रैपिंग में कई कंपनियों ने रुचि दिखाई है। महिंद्रा, मारुति समेत छह कंपनियों को वाहनों की स्क्रैपिंग के लिए लाइसेंस जारी किये गए हैं जबकि पांच प्रस्ताव विचाराधीन हैं। सरकार की मंशा है कि हर जिले में स्क्रैप सेंटर हों।