UP Politics: 83 दिन बाद ही BJP ने बदला दांव, समझिये केशव मौर्य को उच्च सदन की कमान सौंपने के राजनीतिक मायने
UP Political News यूपी में बुधवार के घटनाक्रम ने फिर तमाम अनुमानों को तोड़-मरोड़कर रख दिया है। स्वतंत्रदेव सिंह ने नेता विधान परिषद के पद से त्याग-पत्र दे दिया और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को उच्च सदन की कमान सौंप दी गई।
By Umesh TiwariEdited By: Updated: Wed, 10 Aug 2022 07:44 PM (IST)
UP Political News: लखनऊ, राज्य ब्यूरो। लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) से पहले तराजू की तरह समीकरणों को नाप-तौल रही भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में 'संशोधन' किया है। उत्तर प्रदेश विधान परिषद (UP Legislative Council) में नेता के पद से स्वतंत्रदेव सिंह (Swatantradev Singh) को हटाते हुए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy CM Keshav Prasad Maurya) को उच्च सदन की कमान सौंपी है। इससे पिछड़े वर्ग के नेता केशव प्रसाद मौर्य का कद बढ़ाए जाने का तो स्पष्ट संदेश है, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष के बाद इस पद से स्वतंत्रदेव के त्याग-पत्र ने अटकलों का बाजार भी गर्मा दिया है।
यूपी में विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा की शानदार जीत के बाद कुछ राजनीतिक परिस्थितियां बदलीं, जिन्होंने कुछ प्रश्न चिन्ह छोड़ रखे थे। फिर वह परिस्थितियां सुलझती गईं और अलग संदेश छोड़ती गईं। मसलन, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी दोबारा उपमुख्यमंत्री बनाकर संगठन में उनकी मजबूत पकड़ का संदेश दिया गया।फिर जब डा. दिनेश शर्मा को दोबारा योगी सरकार में जगह नहीं मिली तो माना जा रहा था कि उनके स्थान पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को विधान परिषद में नेता बनाया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह को योगी सरकार में जलशक्ति मंत्री बनाने के साथ ही 20 मई को विधान परिषद का नेता भी बना दिया गया।
इससे अटकलें शुरू हो गईं कि इस तरह से केशव प्रसाद मौर्य का कद घटाकर स्वतंत्रदेव सिंह का वजन बढ़ाया गया है। मगर, बुधवार के घटनाक्रम ने फिर तमाम अनुमानों को तोड़-मरोड़कर रख दिया। अचानक सूचना सार्वजनिक हुई कि स्वतंत्रदेव सिंह ने नेता विधान परिषद के पद से त्याग-पत्र दे दिया है।कुछ ही देर बाद विधान परिषद के प्रमुख सचिव के पास केशव प्रसाद मौर्य को नेता सदन बनाए जाने का पत्र पहुंचा। दरअसल, स्वतंत्रदेव ने मंगलवार को ही गुपचुप तरीके से त्याग-पत्र विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह को भेज दिया था, जो बुधवार को स्वीकृत हुआ।
इस परिवर्तन के राजनीतिक निहितार्थ यही निकाले जा रहे हैं कि पिछड़े वर्ग के नेता के रूप में पार्टी का केशव प्रसाद मौर्य के ऊपर मजबूत विश्वास है, जिसके चलते उनका कद बढ़ाया गया है। वहीं, स्वतंत्रदेव सिंह को लेकर तमाम अटकलें इसलिए भी लगाई जा रही हैं, क्योंकि तीन वर्ष पूरे होने के बाद पिछले दिनों उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष के पद से त्याग-पत्र दे दिया था। हालांकि, नए अध्यक्ष की नियुक्ति तक स्वतंत्रदेव उस पद पर बने हुए हैं।
इस फेरबदल के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मेरे वरिष्ठ सहयोगी, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को उत्तर प्रदेश विधान परिषद में नेता सदन बनाए जाने पर हृदय से बधाई एवं शुभकामनाएं। पूर्ण विश्वास है कि आपके नेतृत्व में सदन की गरिमा और अभिवर्धित होगी।
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