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Weather In UP: यूपी के इस ज‍िले में टूटा गर्मी का 26 साल का रिकॉर्ड, पारा पहुंचा 48 डिग्री सेल्सियस पार

झांसी में गर्मी का 26 वर्ष का रिकॉर्ड टूटा तो आगरा 30 वर्ष बाद सबसे गर्म रहा। झांसी में दिन का पारा 48.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके पहले 20 मई 1998 में अधिकतम तापमान 48 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। ताजनगरी में अधिकतम तापमान 47.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। इसके पहले यहां 31 मई 1994 को दिन का पारा 48.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।

By Jagran News Edited By: Vinay Saxena Updated: Tue, 28 May 2024 09:24 AM (IST)
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वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल सिंह ने बताया कि गुरुवार से पूर्वांचल में मौसम बदलेगा।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। नौतपा के तीसरे दिन सोमवार को प्रदेश में आसमान से आग बरसी तो धरती तप गई। झांसी में गर्मी का 26 वर्ष का रिकॉर्ड टूटा तो आगरा 30 वर्ष बाद सबसे गर्म रहा। झांसी में दिन का पारा 48.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके पहले 20 मई 1998 में अधिकतम तापमान 48 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था।

ताजनगरी में अधिकतम तापमान 47.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। इसके पहले यहां 31 मई 1994 को दिन का पारा 48.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। वहीं, लखनऊ में भी भीषण गर्मी का दौर जारी है। यहां अधिकतम तापमान 44.3 और न्यूनतम 31.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राजधानी में मंगलवार और बुधवार को फिलहाल कोई राहत के आसार नहीं हैं।

पूर्वांचल में 30 से बारिश की संभावना

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल सिंह ने बताया कि गुरुवार से पूर्वांचल में मौसम बदलेगा। गोरखपुर और बस्ती मंडल के लगभग सभी जिलों में बारिश के पूर्वानुमान हैं। शुक्रवार को देवीपाटन और आजमगढ़ मंडल में हल्की से मध्यम बरसात के आसार हैं। इसी दिन अयोध्या मंडल में बादल बरस सकते हैं। इसका असर लखनऊ समेत आसपास के क्षेत्रों पर भी पड़ेगा। राजधानी में 30 मई से दो जून तक बादलों की आवाजाही रहेगी, जिससे अधिकतम तापमान तीन-चार डिग्री और न्यूनतम दो डिग्री तक गिर सकता है।

राज्‍य ब्‍यूरो, लखनऊ। कृषि निदेशक डॉ. जितेंद्र तोमर ने जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए नई प्रजातियों के बीज पर शोध की अपेक्षा वैज्ञानिकों से की है। सोमवार को कृषि निदेशालय में आयोजित राज्य स्तरीय शोध सलाकार समिति की बैठक में कृषि निदेशक ने कहा कि दलहन, तिलहन की अच्छी प्रजातियों की कमी है। मूंगफली, सोयाबीन और ढैंचा की नई प्रजातियों पर भी कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने नई प्रजातियों को खरीफ के परीक्षण में जोड़े जाने का सुझाव दिया। कहा, ऐसे पुरानी प्रजातियां जिनकी आज भी मांग है उन पर भी वैज्ञानिक कार्य करें।

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