UP Weather Alert: कानपुर, लखनऊ, आगरा में बारिश से बदला मौसम का मिजाज, IMD का तीन दिन का अलर्ट
UP Weather Alert And Update Today उत्तर प्रदेश के अलग अलग हिस्सो में दो दिन से हो रही बारिश के बाद मौसम बदल गया है। लोगों को भीषण उमस व गर्मी से राहत मिली है। ऐसे में आने वाले दो से तीन दिनों तक प्रदेश में कहीं तेज तो कहीं धीमी बारिश होगी। लगातार बारिश के बाद तापमान में भी पांच डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई है।
लखनऊ, जासं। यूपी के कानपुर, लखनऊ, आगरा, अयोध्या, प्रयागराज, वाराणसी सहित कई जिलों में सुबह से झमाझम बारिश से मौसम खुशनुमा हो गया है। बारिश की बूंदों के संग ठंडी हवायें सर्द मौसम का एहसास करा रही हैं। काले घने बादल छाए हुए है। मौसम विभाग की माने तो आने वालो दो से तीन दिनों तक प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में मूसलाधार बारिश की संभावना है।
गुरुवार को भी प्रदेश भर में दिनभर बादलों की आवाजाही के साथ रिमझिम से झमाझम बारिश का दौर चलता रहा। बुंदेलखंड और मध्य उत्तर प्रदेश के जिलों समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी कई जगहों पर मूसलधार दर्ज की गई। मौसम केंद्र लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश के अनुसार, मध्य प्रदेश के पूर्वी हिस्से में साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है जो अगले दो दिनों में प्रदेश की ओर रहेगा।
प्रदेश के कई जिलों में बारिश की चेतावनी
इसके चलते रविवार तक प्रदेश भर में हल्की से मध्यम बरसात होने के आसार हैं। वहीं, पूर्वी उत्तर प्रदेश से जुड़े कुछ जिलों में भारी बारिश के लिए चेतावनी भी जारी की गई है। इन जिलों में भारी बारिश के आसार शुक्रवार को सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, गोरखपुर, संत कबीर नगर, महाराजगंज, सिद्धार्थ नगर, बलरामपुर, गोंडा, अयोध्या और बस्ती में भारी बारिश के लिए चेतावनी जारी की गई है। इसके अलावा पूर्वी और मध्य प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में गरज चमक के साथ हल्की से मध्य बरसात के आसार हैं।
24 घंटे में यहां इतनी बारिश
गुरुवार की शाम 5.30 बजे से शुक्रवार की शाम 5.30 तक के बीच बाराबंकी में 80 मिलीमीटर से अधिक और लखनऊ में 55.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा शुक्रवार को सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक शाहजहांपुर में 50 मिलीमीटर बारिश समेत झांसी में 21.8, हमीरपुर में 17, बरेली में 13, बस्ती में 10, कानपुर में 14, गोरखपुर में 13, बहराइच में 7.8, गाजीपुर में पांच, आगरा में 4.2 उरई और अलीगढ़ में चार मिलीमीटर समेत फुरसतगंज, प्रयागराज, सुल्तानपुर, बाराबंकी, हरदोई, इटावा, बलिया समेत प्रदेश भर के अलग-अलग हिस्सों में छिटपुट बारिश दर्ज की गई।
बारिश के बाद तापमान में हुई पांच डिग्री तक की गिरावट
प्रदेश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई। सर्वाधिक तापमान बस्ती में 36 डिग्री सेल्सियस पर दर्ज किया गया। वहीं न्यूनतम तापमान कानपुर में 23.4 डिग्री सेल्सियस पर दर्ज किया गया। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, पूर्वी उत्तर प्रदेश में गरज और चमक के साथ कई जिलों में भारी बारिश के लिए चेतावनी जारी की गई है। वहीं बुंदेलखंड समेत मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश के भी कुछ हिस्सों में हल्की से मध्य बरसात के आसार हैं। अधिकतम तापमान 32 डिग्री और न्यूनतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज हो सकता है।
भीषण गर्मी और उसम से मिली राहत
गर्मी और भीषण उमस से बेहाल जनजीवन संग जीव-जंतुओं को काली घटा एवं रिमझिम बारिश ने काफी राहत पहुंचाई है। तापमान में गिरावट होने से मौसम सुहाना हुआ है। किसानों के लिए बारिश वरदान से कम नहीं है। बूंदाबांदी और फुहार संग थम-थमकर होती बारिश ने चेरापूंजी जैसा हाल बना दिया है। कीचड़ के साथ ही जगह-जगह जलभराव की समस्या दिख रही है। विकास भवन परिसर में मिट्टी भराई का काम चल रहा है। बारिश होने से यहां जलभराव के साथ कीचड़ की भीषण समस्या खड़ी हुई है। प्रवेश द्वार पर फिसलन और कीचड़ के बीच गुजरने में कर्मचारी और आमजन परेशान हैं। अन्य इलाकों में भी ऐसी समस्या है। कलेक्ट्रेट के निकट अकबरपुर-टांडा मार्ग पर बारिश से पेड़ गिर गया।
तापमान में उतार-चढ़ाव
बदली और बारिश के बीच तापमान में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। तेज-धीमी बारिश के दौरान बीच-बीच में धूप खिलने से शुक्रवार को अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा। न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास रिकार्ड किया गया है। आगामी गुरुवार तक काले बादलों की आवाजाही लगे रहने के संग छिटपुट बारिश होने का संकेत मिला है। हालांकि तापमान में खास गिरावट नहीं होने का अनुमान लगाया गया है।
फसलों के लिए अमृतवर्षा
तीन दिन से तेज-धीमी बारिश से तापमान में गिरावट आने से जहां मौसम सुहाना हो गया है। वहीं बारिश से धान की फसल को भी संजीवनी मिल गई है। कुछ दिन पहले तक बारिश न होने से परेशान किसानों के चेहरे अब खिल गए हैं। दरअसल एक पखवाड़े से दिन में तेज धूप ने बेहाल कर दिया था। चिलचिलाती धूप से सफर करना भी दुश्वार हो जाता था। उमस भरी गर्मी से लोग बेहाल थे। सबसे अधिक परेशानी किसानों के सामने खड़ी थी।
बारिश न होने से परेशान था किसान
बारिश न होने से धान की फसल में रोग लगना शुरू हो गया था। किसान फसलों को बचाने में लगे थे। फसलों में बार-बार सिंचाई करने में किसानों की कमर टूट रही थी। बुधवार को शुरू हुई बारिश का सिलसिला शुक्रवार के बाद शनिवार को भी जारी है। गुरुवार को हवा के साथ शाम को शुरू हुआ बारिश का सिलसिला पूरी रात रुक-रुक कर जारी रहा। कभी तेज तो कभी धीमी रुक-रुक कर हो रही रिमझिम बारिश ने अन्नदाता को भी झूमने का मौका दिया