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UP Weather Update: प्रदेश में वज्रपात से 52 की मौत, उमस ने ढाया कहर, आज से 40 जिलों में फ‍िर रफ्तार पकड़ेगा मानसून

उत्‍तर प्रदेश में मानसून आज से फिर रफ्तार पकड़ने जा रहा है। इस बीच आसमानी कहर से प्रदेश में 52 लोगों की मौत हो गई। इससे व्रजपात की आवाज से भी लोग डर जा रहे हैं। बता दें कि एक हफ्ते बारिश के बाद से लोग उमस भरी गर्मी से परेशान हैं। अब लोग बेसब्री से बारिश का इंतजार कर रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 11 Jul 2024 07:45 AM (IST)
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यूपी में आसमानी कहर से 52 लोगों की मौत। सां‍केतिक तस्‍वीर

 जागरण टीम, लखनऊ। बाढ़, वर्षा, वज्रपात से उत्तर प्रदेश का जनजीवन अस्त-व्यवस्त है। बुधवार को बाढ़ व वर्षा से तो कुछ राहत रही लेकिन वज्रपात व उमस ने पूर्वी व मध्य उप्र में कहर ढाया। यहां वज्रपात से 47 मौतों का समाचार है। इसके अलावा मैनपुरी में भी पांच लोगों की वज्रपात से मौत हो गई। बड़ी संख्या में लोग झुलसे हैं।

प्रदेश में अकेले वज्रपात से कुल 52 लोगों की जान चली गई। वाराणसी, आजमगढ़, मीरजापुर मंडल के जिलों में दोपहर बाद हुई बारिश ने लोगों को उमस और गर्मी से राहत तो दी, लेकिन वज्रपात ने 11 लोगों की जान ले ली। 16 महिलाओं समेत 17 लोग झुलस गए। उन्हें इलाज के लिए विभिन्न चिकित्सालयों में भर्ती कराया गया है।

पिछले तीन दिनों से बादलों की घेराबंदी के बाद भी जमकर बरसात नहीं होने से प्रयागराज और प्रतापगढ़ तथा कौशांबी भीषण उमस की चपेट में हैं। यहां वज्रपात से प्रतापगढ़ में 12 लोगों की मौत हो गई।

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बुंदेलखंड व कानपुर के आसपास जिलों में बुधवार को तेज धूप निकली। बीच-बीच में बादल कुछ देर बरस जाते और फिर धूप निकल आती। ऐसे में उमस से लोग बेहाल रहे। 40 से अधिक जिलों में गुरुवार से मानसून फिर रफ्तार पकड़ेगा।

मौसम विभाग ने गरज-चमक के साथ भारी वर्षा और वज्रपात की चेतावनी जारी की है। पूर्वांचल के 12-13 जिलों में अत्यधिक वर्षा का अलर्ट है। 15 जुलाई के बाद मानसून और जोर पकड़ेगा।

कहां-कितनी मौतें

प्रतापगढ़ : 12

सुलतानपुर : 07

चंदौली : 06

मैनपुरी : 05

अमेठी : 03

प्रयागराज : 05

कानपुर देहात : 02

हमीरपुर : 02

बलिया : 01

जौनपुर : 01

गाजीपुर : 01

मऊ : 01

आजमगढ़ : 01

महोबा : 01

जालौन : 01

उन्नाव : 01

औरैया : 01

इटावा : 01

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बलरामपुर और लखीमपुर में बाढ़ जनित हादसों में पांच की जान गई

बीते दो दिनों से थमी बरसात ने नदियों का उफान रोक दिया है, लेकिन बाढ़ प्रभावित जिलों में अव्यवस्था चरम पर है। सरयू, घाघरा और राप्ती लाल निशान के ऊपर बह रही हैं। बुधवार को बलरामपुर और लखीमपुर में बाढ़जनित हादसों में पांच लोगों की मौत हो गई।

लखीमपुर में गोला, पलिया, निघासन, धौरहरा और लखीमपुर तहसील बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। सवा सौ से ज्यादा गांव जलमग्न हैं। पलिया अभी भी टापू बना हुआ है। जिला मुख्यालय से पलिया का संपर्क कटा हुआ है। निघासन में दो और पलिया में एक बच्ची की बाढ़ के पानी में बहने से मौत हो गई।

गोंडा में एल्गिन ब्रिज पर घाघरा का जलस्तर खतरे के निशान से 55 व अयोध्या में सरयू नदी का जलस्तर 27 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है। बलरामपुर में राप्ती अभी खतरे के निशान से 26 सेंटीमीटर ऊपर है।

बुधवार को महराजगंज तराई के परसिया गौरी गांव निवासी शेषराम के छह वर्षीय नाती शिवा की जलजीवन मिशन द्वारा बनाई जा रही पानी टंकी के गड्ढे में भरे बाढ़ के पानी में डूबने से मौत हो गई। वहीं, पानी की धार में बहे ललिया वीरपुर गांव के मजरे गंगापुर निवासी नैतिक वर्मा का शव बुधवार को छह किमी दूर इटैहिया गांव के पास से बरामद हुआ।

पीलीभीत में शारदा का जलस्तर कुछ कम हुआ है, लेकिन समस्या बरकरार है। बिजनौर जिले में बिजनौर जिले में बाढ़ की स्थिति बन रही है। यहां बनैली नदी का जलस्तर बढ़ जाने से जहां सिंचाई विभाग द्वारा तटबंध की सुरक्षा के लिए लगाए गए मिट्टी के बोरे पानी की धार में समा गए, वहीं तेज बहाव से कुछ किसानों के खेतों का कटान शुरू हो गया है। मालन नदी का पानी कुछ क्षेत्र में फैल गया है।