UPPCL: बिजली विभाग में होने वाला है बड़ा बदलाव, संविदाकर्मियों का होगा ट्रांसफर
यूपी में बिजली विभाग (UP electricity Dept) में बड़ा बदलाव होने वाला है। एक ही उपकेंद्र पर तीन वर्ष से अधिक समय से तैनात संविदाकर्मी और पांच वर्ष से अधिक समय से तैनात टेक्निकल ग्रेड-2 को स्थानांतरित किया जाए। यह भी कहा गया है कि संविदाकर्मी और टीजी-2 को उस उपकेंद्र में न तैनात किया जाए जिसके अंतर्गत उसका निवास हो।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। लंबे समय से विद्युत उपकेंद्रों पर तैनात संविदाकर्मी और टेक्निकल ग्रेड-2 को स्थानांतरित किया जाएगा। गत नौ जुलाई को पावर कारपोरेशन की बैठक में दिए गए निर्देश के बाद सभी विद्युत वितरण निगमों की ओर से इस संबंध में अधीक्षण अभियंताओं को निर्देश जारी किए गए हैं।
स्पष्ट कहा गया है कि एक ही उपकेंद्र पर तीन वर्ष से अधिक समय से तैनात संविदाकर्मी और पांच वर्ष से अधिक समय से तैनात टेक्निकल ग्रेड-2 को स्थानांतरित किया जाए। यह भी कहा गया है कि संविदाकर्मी और टीजी-2 को उस उपकेंद्र में न तैनात किया जाए जिसके अंतर्गत उसका निवास हो।
बिजली का बिल निरस्त, अधिशासी अभियंता पर एक हजार जुर्माना
रायबरेली से सामने आए एक अन्य मामले में कल्यानपुर रैली निवासी सुरेंद्र को अक्टूबर 2021 को बिजली विभाग की तरफ से 13,206 रुपये का बढ़ा हुआ बिल भेजा गया। उसने कई बार शिकायत की, लेकिन समस्या का कोई हल नहीं मिला। अंत में जब उसने न्याय की गुहार लगाई, तब ढाई साल तक चली सुनवाई के बाद उपभोक्ता फोरम ने बिजली विभाग की ओर से भेजे गए 13,206 विद्युत बिल को अब जा कर निरस्त किया है।सतांव कल्यानपुर रैली निवासी सुरेंद्र कुमार ने 15 अगस्त 2017 को अटौरा बुजुर्ग विद्युत उपकेंद्र से अपना घरेलू कनेक्शन कराया था। कनेक्शन के दौरान उसने 980 रुपये मीटर कास्ट अलग से जमा किए थे। इसके बावजूद विभाग की ओर से उसको न मीटर सीलिंग का प्रमाण पत्र दिया गया, न ही बिजली का बिल। अक्टूबर 2021 को उसको विभाग की तरफ से 13,206 रुपये का बिल भेजा गया।सुरेंद्र ने बताया कि बढ़े बिल को लेकर कई बार विभागीय अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन समस्या का कोई निदान नहीं मिला। थकहार कर कनेक्शन धारक ने अधिशासी अभियंता को पक्ष बना कर 27 नवंबर 2021 को उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में वाद दाखिल कर न्याय की गुहार लगाई।
ढाई साल तक चली सुनवाई के बाद उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष मदन लाल निगम और सदस्य सुनीता मिश्रा ने बिजली विभाग की ओर से भेजे गए 13,206 विद्युत बिल को निरस्त कर दिया और विभाग को दो वर्ष में उपयोग की गई बिजली यूनिट का बिल एक माह में जमा करने का आदेश दिया। फोरम ने तय सीमा में अधिशासी अभियंता को वाद व्यय के रूप में एक हजार रुपये देने या बिल में समायोजित करने का आदेश दिया।ये भी पढ़ें -
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