UPPCL: उत्तर प्रदेश में महंगी नहीं होगी बिजली, 3 करोड़ उपभोक्ताओं को दीपावली से पहले बड़ी राहत
उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने का फैसला किया है। यह फैसला 3.45 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत भरा है। घरेलू बिजली की अधिकतम दर 6.50 रुपये प्रति यूनिट और ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं की दर 5.50 रुपये प्रति यूनिट तक होगी।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। महंगाई की मार झेल रहे 3.45 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं के लिए दीपावली से पहले राहत भरी खबर है। चालू वित्तीय वर्ष में भी बिजली की दरें नहीं बढ़ेंगी। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों की दलीलों को खारिज करते हुए मौजूदा बिजली दरें यथावत बनाए रखने का आदेश दिया है।
घरेलू बिजली की अधिकतम दर 6.50 रुपये यूनिट बनी रहेगी। नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (एनपीसीएल) के उपभोक्ताओं की बिजली भी पहले की तरह 10 प्रतिशत सस्ती बनाए रखी गई है।
ग्रीन टैरिफ 36 पैसे प्रति यूनिट
घरेलू व कृषि उपभोक्ताओं को छोड़कर अन्य के लिए आयोग ने अब आठ पैसे घटाकर 36 पैसे प्रति यूनिट ग्रीन टैरिफ तय किया है। नया टैरिफ ऑर्डर अखबार में प्रकाशित होने की तिथि से सात दिनों बाद लागू हो जाएगा।
सितंबर 2019 से लागू हैं मौजूदा दरें
बिजली की मौजूदा दरें सितंबर 2019 से लागू हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद बिजली की दरों में औसतन 11.69 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी। दरें न बढ़ने से शहरी घरेलू उपभोक्ताओं की अधिकतम बिजली दर जहां 6.50 रुपये प्रति यूनिट बनी रहेगी वहीं ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं की दर 5.50 रुपये प्रति यूनिट तक होगी।
घरेलू उपभोक्ताओं की प्रति यूनिट बिजली दर
यूनिट | शहरी | ग्रामीण |
000-100 | 5.50 रुपये | 3.35 रुपये |
101-150 | 5.50 रुपये | 3.85 रुपये |
151-300 | 6.00 रुपये | 5.00 रुपये |
300 के ऊपर | 6.50 रुपये | 5.50 रुपये |
96,225 करोड़ रुपये मंजूर
बिजली कंपनियों द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए नियामक आयोग में 1,01,783.45 करोड़ रुपये का एआरआर (वार्षिक राजस्व आवश्यकता) प्रस्ताव दाखिल कर मौजूदा बिजली दरों से 11,203 करोड़ रुपये का राजस्व गैप दिखाया गया था।
कंपनियों के प्रस्ताव पर उपभोक्ता संगठनों व अन्य की आपत्तियों व सुझाव मानते हुए आयोग ने एआरआर में कटौती करते हुए 96,225.02 करोड़ रुपये ही मंजूर कर उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है।
2027 तक नहीं बढ़ेगी बिजली दर
आयोग ने राज्य सरकार से बिजली कंपनियों को मंजूर की गई 17,511.88 करोड़ रुपये (पहले से 2900 करोड़ रुपये अधिक) की सब्सिडी और मौजूदा बिजली दरों से 75,351.19 करोड़ रुपये राजस्व मिलने को अनुमोदित किया है।
चूंकि, आयोग ने कंपनियों के राजस्व गैप के प्रस्ताव को न मानते हुए उपभोक्ताओं का 1944.72 करोड़ रुपये और सरप्लस उन पर निकाल दिया है, इसलिए न केवल इस वर्ष बल्कि आगे भी बिजली महंगी होने की उम्मीद नहीं है।
विदित हो कि पहले से ही 33,122 करोड़ रुपये उपभोक्ताओं का सरप्लस है। जानकारों का कहना है कि वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अगले दो वर्षों में भी बिजली की दरें सरकार ही बढ़ने नहीं देगी।
एनपीसीएल के उपभोक्ताओं को मिलती रहेगी सस्ती बिजली
ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के डेढ़ लाख से अधिक उपभोक्ताओं को नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (एनपीसीएल) द्वारा बिजली की आपूर्ति की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में कंपनी के पास 1,166 करोड़ रुपये सरप्लस निकलने पर आयोग ने संबंधित उपभोक्ताओं के बिल में पहले की तरह 10 प्रतिशत की छूट बरकरार रखी है।
अब दरें घटाने की लड़ाई लड़ेगा उपभोक्ता परिषद
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि उत्तर प्रदेश पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां लगातार पांच वर्षों से बिजली की दरें न बढ़ाई गई हों। आयोग के चेयरमैन अरविंद कुमार के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताते हुए वर्मा ने कहा कि सरप्लस को देखते हुए बिजली की दरों में कमी कराने के संबंध में वह आयोग में प्रस्ताव दाखिल करेंगे।
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