UPPCL PF SCAM: पीएफ घोटाले के आरोपितों को दिल्ली लेकर गई सीबीआइ, कोर्ट ने जारी किया था प्रोडक्शन वारंट
UPPCL PF SCAM पीएफ घोटाले के आरोपितों को कड़ी सुरक्षा में सीबीआइ दिल्ली लेकर गई। सीबीआइ ने यूनियन बैंक आफ इंडिया की 11 फरवरी 2022 को मिली शिकायत के आधार पर केस दर्ज किया था। इस मामले में दिल्ली से सीबीआइ की टीम प्रोडक्शन वारंट लेकर लखनऊ आई थी।
By Vikas MishraEdited By: Updated: Tue, 19 Jul 2022 08:20 AM (IST)
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। बिजली कर्मचारियों के करोड़ों रुपये के बहुचर्चित भविष्य निधि (पीएफ) घोटाले के मामले में लखनऊ जेल से बंद दीवान हाउसिंग फाइनेंस कारपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के निदेशक धीरज वधावन और कपिल वधावन को सीबीआइ मुख्यालय की टीम सोमवार को अपने साथ नई दिल्ली लेकर चली गई। नई दिल्ली की सीबीआइ अदालत ने दोनों आरोपितों के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया था। इसी के बाद सीबीआइ ने लखनऊ पुलिस से सुरक्षा मुहैया कराने का अनुरोध किया था। कड़ी सुरक्षा के बीच दोनों आरोपितों को दिल्ली ले जाया गया है। मंगलवार को इन्हें अदालत में पेश करना है।
दरअसल, डीएचएफएल के निदेशक धीरज वधावन व कपिल वधावन को पीएफ घोटाले के आरोप में सीबीआइ लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच मुंबई जेल से लखनऊ लाई थी। दोनों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की गयी। इस बीच 20 जून को नई दिल्ली स्थित सीबीआइ मुख्याल की एंटी करप्शन ब्रांच ने वधावन बंधुओं के खिलाफ देश का सबसे बड़ा बैंकिंग फ्राड का मामला दर्ज करते हुए उनके 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह मामला यूनियन बैंक आफ इंडिया के कंसोर्टियम की अगुवाई में 17 बैंकों के समूह के साथ करीब 34,615 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से जुड़ा है।
सीबीआइ ने यूनियन बैंक आफ इंडिया की 11 फरवरी 2022 को मिली शिकायत के आधार पर केस दर्ज किया था। इस मामले में दिल्ली से सीबीआइ की टीम प्रोडक्शन वारंट लेकर लखनऊ आई थी। सीबीआइ की टीम वधावन बंधुओं को लखनऊ जेल से अपनी कस्टडी में लेकर कड़ी सुरक्षा के साथ दिल्ली रवाना हो गई है। बता दें कि दो नवंबर, 2019 को इस मामले की एफआइआर वर्तमान सचिव ट्रस्ट आइएम कौशल ने हजरतगंज कोतवाली में दर्ज कराई थी, जिसकी विवेचना ईओडब्ल्यू कर रही थी। उसने इस मामले में यूपीपीसीएल के तत्कालीन आला अफसरों समेत 17 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था।
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