Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

UPPCL Update: उपभोक्ताओं की जेब पर भारी पड़ सकता है फैसला, मनमानी करेंगी बिजली कंपनियां!

उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग बिजली कंपनियों को प्रत्येक माह स्वत फ्यूल एंड पावर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज तय कर लागू करने का अधिकार देने जा रहा है। इसके लिए नियामक आयोग 19 सितंबर को जन सुनवाई करेगी। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि नई व्यवस्था में बिजली कंपनियां मनमानी करेंगी जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को उठाना पड़ेगा।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Tue, 10 Sep 2024 03:02 AM (IST)
Hero Image
नियामक आयोग 19 सितंबर को जन सुनवाई करेगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अब वर्ष में नहीं बल्कि प्रति माह बिजली महंगी-सस्ती हो सकती है। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग, बिजली कंपनियों को प्रत्येक माह स्वत: फ्यूल एंड पावर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज (ईंधन अधिभार शुल्क) तय कर लागू करने का अधिकार देने जा रहा है। इसके लिए मौजूदा नियमों (रेगुलेशन) में संशोधन करने के लिए नियामक आयोग 19 सितंबर को जन सुनवाई करेगा।

दरअसल, वर्तमान में तीन माह में फ्यूल सरचार्ज तय करने की व्यवस्था तो है, लेकिन उसे उपभोक्ताओं पर लागू करने से पहले बिजली कंपनियों को नियामक आयोग से मंजूरी लेनी होती है। ऐसे में फ्यूल सरचार्ज संबंधी प्रस्ताव सुनवाई के दौरान ही नियामक आयोग में लटक जा रहे हैं।

बिजली दर में होनी थी कमी

लगभग एक वर्ष पहले फ्यूल सरचार्ज से विभिन्न श्रेणियों की बिजली दर में 18 से 69 पैसे प्रति यूनिट की कमी होनी थी, लेकिन इसके लागू न होने से उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं मिली। 

इसी तरह, वर्ष 2022-23 में पावर कारपोरेशन ने फ्यूल सरचार्ज के एवज में बिजली की दरों में 61 पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ोतरी प्रस्तावित करते हुए आयोग में प्रस्ताव दाखिल किया था, लेकिन विभिन्न कारणों से उसे भी मंजूरी नहीं मिली और बिजली महंगी नहीं हो सकी थी।

केंद्र सरकार ने भी बनाया है नियम

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने अब तीन माह के बजाय प्रतिमाह के हिसाब से फ्यूल सरचार्ज उपभोक्ताओं पर लागू करने का नियम बना रखा है। उसी के आधार पर उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग भी अपने नियमों में बदलाव करने जा रहा है।

इसके लिए 19 सितंबर को जन सुनवाई करने के संबंध में आयोग ने सार्वजनिक सूचना जारी की है। नियमों में संशोधन करने संबंधी आयोग द्वारा सार्वजनिक किए गए प्रारूप में यह भी प्रस्तावित है कि बिजली कंपनियों को प्रतिमाह स्वतः फ्यूल सरचार्ज लागू करने का अधिकार होगा। 

आयोग द्वारा संशोधित नियमों को अंतिम रूप देने के बाद राज्य सरकार के गजट नोटिफिकेशन के साथ ही वे लागू हो जाएंगे। फिर बिजली कंपनियों को उपभोक्ताओं पर फ्यूल सरचार्ज लागू करने के लिए नियामक आयोग से किसी तरह की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी।

मनमानी करेंगी बिजली कंपनियां: उपभोक्ता परिषद

नियमों में प्रस्तावित संशोधन का विरोध करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि नई व्यवस्था में बिजली कंपनियां मनमानी करेंगी, जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को उठाना पड़ेगा। बिजली सस्ती करने पर कंपनियों का जो रवैया रहा है उसमें बिजली सस्ती होने के बजाय महंगी ही होगी। 

वर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार के कानून के तहत उपभोक्ताओं के बिजली कंपनियों पर निकल रहे 33,122 करोड़ रुपये के एवज में आयोग को तीन वर्ष में ही उपभोक्ताओं को राहत दिलानी थी, लेकिन आज तक उसे लागू नहीं किया गया है।

यह भी पढ़ें: यूपी को कृषि उत्पादन में आगे बढ़ाने की योगी सरकार की रणनीति, अब कम उत्पादन वाले बुंदेलखंड व पूर्वांचल पर फोकस

यह भी पढ़ें: वाह री यूपी पुलिस! निर्दोष को ही भेज दिया जेल, थानेदार का दावा- मेरा 30 साल का अनुभव