प्रयागराज में अभ्यर्थियों के प्रदर्शन पर केशव प्रसाद मौर्य का बड़ा बयान, अधिकारियों से सख्त लहजे में कही ये बात
केशव मौर्य ने कहा यूपी पीसीएस परीक्षा में एक से अधिक दिन की परीक्षा निजी संस्थानों को केंद्र न बनाने और मानकीकरण प्रक्रिया को लेकर छात्रों की चिंताएं गंभीर और महत्वपूर्ण हैं। सभी सक्षम अधिकारी छात्रों की मांगों को संवेदनशीलता से सुनें और शीघ्र समाधान निकालें। यह सुनिश्चित करें कि छात्रों का कीमती समय आंदोलन में नहीं बल्कि उनकी तैयारी में लगे।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रयागराज में अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) कार्यालय के बाहर दूसरे दिन भी अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा है। उनकी मांग है कि पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षाएं एक दिन और एक शिफ्ट में आयोजित की जाएं। रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) और पुलिस के जवान मौके पर मौजूद हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का बयान सामने आया है। केशव मौर्य ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि सभी सक्षम अधिकारी छात्रों की मांगों को संवेदनशीलता से सुनें और शीघ्र समाधान निकालें।
केशव मौर्य ने एक्स पर लिखा, ''यूपी पीसीएस परीक्षा में एक से अधिक दिन की परीक्षा, निजी संस्थानों को केंद्र न बनाने और मानकीकरण प्रक्रिया को लेकर छात्रों की चिंताएं गंभीर और महत्वपूर्ण हैं। छात्रों की मांग है कि परीक्षाएं पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी हों, ताकि उनकी मेहनत का सम्मान हो और भविष्य सुरक्षित रहे।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में, भाजपा सरकार ने 2017 से भर्ती माफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाकर निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया की मिसाल पेश की है। लगभग 7 लाख युवाओं को नियुक्ति पत्र देकर सरकार ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय दिया है।''
उन्होंने आगे कहा, ''सभी सक्षम अधिकारी छात्रों की मांगों को संवेदनशीलता से सुनें और शीघ्र समाधान निकालें। यह सुनिश्चित करें कि छात्रों का कीमती समय आंदोलन में नहीं, बल्कि उनकी तैयारी में लगे। न्यायालय में लंबित मामलों का भी शीघ्र समाधान निकाला जाए ताकि किसी छात्र का भविष्य अंधकार में न रहे।''
लोक सेवा आयोग और प्रतियोगी छात्र आमने-सामने
पीसीएस और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा को लेकर अब उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और प्रतियोगी छात्र आमने-सामने आ गए हैं। प्रतियोगी छात्र एक दिवसीय परीक्षा को लेकर बेमियादी हड़ताल पर है, वहीं आयोग अपने निर्णय से पीछे हटने को तैयार नहीं है। सोमवार को दिन भर हजारों छात्रों के प्रदर्शन, छात्रों पर पुलिस का बल प्रयोग, यातायात बाधित होने और राजनैतिक बयानबाजी के बीच समाधान का कोई रास्ता नहीं निकला। इससे साफ है कि दो दिवसीय परीक्षा कराने के निर्णय से उपजा विवाद अब लंबा खिंचना तय है।एक दिवसीय परीक्षा बहाली और नार्मलाइजेशन को रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे प्रतियोगी छात्रों और आयोग के अधिकारियों के बीच लाउडस्पीकर के जरिए बीच-बीच वार्ता होती रही।छात्रों की भीड़ को देखते हुए अधिकारी बाहर तो नहीं आए पर गेट के पास ही डटे रहे।आयोग के अधिकारियों ने अभ्यर्थियों से प्रदर्शन खत्म करने की बार-बार अपील की। कहा कि इस संबंध में एक कमेटी बना दी जाती है, पर छात्र नहीं माने।कहा- अब आयोग को निर्णय लेना है। एक दिवसीय परीक्षा की बहाली होने पर ही वह हटेंगे।
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