Aditya Srivastava: 'मैं भी पहली बार फेल हुआ था...70वीं रैंक की सोचा था लेकिन', UPSC Topper ने साझा किए सफलता के अनुभव
UPSC 2023 topper Aditya Srivastava अमौसी एयरपोर्ट पहुंचने पर आदित्य श्रीवास्तव का स्वागत किया गया। वह खुली जीप में अपनी मां आभा श्रीवास्तव पिता अजय श्रीवास्तव व सिटी मांटेसरी स्कूल (सीएमएस) के शिक्षकों के साथ स्कूल के कानपुर रोड शाखा पहुंचे। यहां विद्यालय के बैंड ने उनका पारंपरिक तरीके से स्वागत किया। सीएमएस की ओर से उन्हें ढाई लाख रुपये का चेक देकर सम्मानित भी किया गया।
महेन्द्र पाण्डेय, लखनऊ। असफलता से कभी परेशान नहीं होना चाहिए। मैं भी पहली बार फेल हुआ था। दूसरी बार में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) में सफल हुआ। रैंक कम (236) थी तो आइपीएस में गया। इस बार मेरा प्रयास था कि टाप 70 में जगह बना सकूं। पहली रैंक आ जाएगी, यह उम्मीद नहीं थी। अपनी सफलता से प्रफुल्लित यूपीएससी-2023 टापर लखनऊ के आदित्य श्रीवास्तव ने सोमवार को कामयाबी के अनुभव साझा किए। उन्होंने 'दैनिक जागरण' को बताया कि भविष्य में स्वास्थ्य-शिक्षा व बच्चों के हित के लिए काम करेंगे।
आदित्य से प्रश्न किया गया कि आप पहली बार असफल रहे, उस समय क्या गलती की थी?वह बोले- मुझे पता था कि कुछ तो गलती कर रहा, लेकिन सफलता के लिए वह भी जरूरी थी। गलतियां सभी से होती हैं। उनसे सीखकर आगे बढ़ना चाहिए। मैंने यूपीएससी में सफल अपने सीनियर से बात की तो उन्होंने बताया कि शून्य से शुरुआत करने में कोचिंग मददगार बनती हैं, लेकिन पहले से तैयारी कर रहे हैं तो सेल्फ स्टडी ज्यादा सही है। इससे पहले सीएमएस की प्रबंधक डा. गीता गांधी किंगडन, सुपीरियर प्रिसिंपल सुष्मिता घोष, सीएमएस अलीगंज प्रथम शाखा की वरिष्ठ प्रधानाचार्य ज्योति कश्यप, प्रधानाचार्य शिवानी सिंह ने भी विचार व्यक्त किए।
अखबार पढ़कर बनाए नोट्स, क्रिकेट से प्रेरित
आदित्य ने बताया कि वह समाचार पत्र हर दिन पढ़ते थे। इससे नोट्स भी बनाए। कहा, यूपीएससी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को प्रतिदिन 30 से 45 मिनट समाचार पत्र पढ़ना चाहिए। आप लक्ष्य तय करें और कांसेप्ट क्लियर। सफलता के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण भी आवश्यक है। क्रिकेट प्रेमी आदित्य ने कहा कि यह खेल अनिश्चितताओं से भरा होता है। कभी भी कुछ भी हो सकता है। मैं इससे भी प्रेरित होता था। वैसे महेंद्र सिंह धौनी मेरे पसंदीदा खिलाड़ी हैं। पढ़ाई में इंटरनेट मीडिया सहायक है या बाधक? आदित्य बोले- मैं फुरसत में होता था तो इंटरनेट मीडिया भी चलाता था। किसी को एकदम से इंटरनेट मीडिया से नहीं कटना चाहिए।
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उप्र काडर मिला तो खुशकिस्मती होगी
आदित्य ने कहा कि अगर मुझे उत्तर प्रदेश काडर मिला तो यह मेरी खुशकिस्मती होगी। वैसे जहां भी अवसर मिलेगा, पूरी ऊर्जा से काम करूंगा। आपने आइपीएस की भी ट्रेनिंग की है और अब आइएएस का प्रशिक्षण लेंगे। दोनों में आपको क्या बेहतर क्या लगता है? आदित्य ने कहा कि आइपीएस की नौकरी अपना ही चार्म (आकर्षण) है। फिर भी मैं आइएएस ही बनना चाहता था।
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