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लखनऊ-कानपुर और आगरा समेत 24 औद्योगिक क्षेत्रों का कायाकल्प करेगा यूपीसीडा, FDR तकनीक से बनेंगी सड़कें

UP News उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए राज्य सरकार 24 औद्योगिक क्षेत्रों के कायाकल्प की योजना बना रही है। इस जिम्मेदारी को उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) को सौंपा गया है। यूपीसीडा इन क्षेत्रों में सड़कों जल आपूर्ति स्ट्रीट लाइट सीसीटीवी टेलीफोन स्टेशन सब स्टेशन फर्नीचर बाउंड्री वाल एंट्री गेट आदि सुविधाओं का विकास करेगा।

By Anand Mishra Edited By: Abhishek Pandey Updated: Wed, 16 Oct 2024 03:02 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। औद्योगिक विकास को गति देने में जुटी योगी सरकार इन क्षेत्रों के बुनियादी ढांचे में भी बड़ा बदलाव लाने में जुटी है। इस क्रम में प्रदेश के 24 औद्योगिक क्षेत्रों के कायाकल्प की जवाबदेही उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) को सौंपी गई है।

यूपीसीडा की तय कार्ययोजना के अनुसार 4,025 एकड़ में फैले औद्योगिक क्षेत्रों में विकास कार्यों को पूरा किया जाएगा। यूपीसीडा द्वारा आगरा, मथुरा, मेरठ, गोरखपुर, संत कबीर नगर, मऊ, कानपुर, लखनऊ व रायबरेली में फुल डेप्थ रीक्लेमेशन (एफडीआर) तकनीक से सड़कों के निर्माण के साथ ही अवस्थापना समेत अन्य सुविधाओं का विस्तार भी किया जाएगा।

जल आपूर्ति को किया जाएगा बेहतर

औद्योगिक क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट, सीसीटीवी, टेलीफोन स्टेशन, सब स्टेशन, फर्नीचर, बाउंड्री वाल, एंट्री गेट समेत विभिन्न सुविधाओं का विकास किया जाएगा। ड्रेनेज सिस्टम व जल आपूर्ति व्यवस्था को भी बेहतर बनाया जाएगा।

औद्योगिक क्षेत्रों में फ्लैटेड फैक्टरी का निर्माण, फुटपाथ, ट्रक पार्किंग टर्मिनल, बस शेल्टर, फायर स्टेशन व पुलिस आउटपोस्ट अपग्रेडेशन सहित अन्य सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। इन कार्यों को पूरा करने के लिए यूपीसीडा ने डीपीआर निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

250 आइटीआइ होंगी उच्चीकृत, नए ट्रेड किए जाएंगे शुरू: कपिलदेव अग्रवाल

प्रदेश में 250 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) जल्द उच्चीकृत किए जाएंगे। केंद्र सरकार को इसके लिए प्रस्ताव भेज दिया गया है। यहां आधुनिक उपकरण और श्रेष्ठ प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। वहीं उद्योग की मांग के अनुसार नए ट्रेड (व्यवसाय) भी शुरू किए जाएंगे।

मंगलवार को व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिलदेव अग्रवाल ने विभागीय समीक्षा बैठक में इनकी तैयारियों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे ट्रेड जिनमें लगातार छात्रों की संख्या कम हो रही है, उन्हें बंद किया जाए। विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित इस समीक्षा बैठक में मंत्री ने ऐसे ट्रेड की सूची तैयार करने का आदेश अधिकारियों को दिया, जिसमें लगातार दाखिले कम हो रहे हैं।

प्लंबर, ड्रेस मेकिंग, वेल्डर, पेंटर व काष्ठ कला व लेदर गुड्स इत्यादि ट्रेड की अब समीक्षा की जाएगी। वहीं तकनीकी के लगातार बढ़ रहे प्रयोग को देखते हुए कंप्यूटर प्रशिक्षण के साथ-साथ नए ट्रेड खोले जाएंगे। कपिलदेव अग्रवाल ने कहा कि निजी आइटीआइ में पढ़ाई सुचारू ढंग से हो इसके लिए वहां नियमित निरीक्षण किया जाए। मानक के अनुसार पढ़ाई न कराने वाले निजी संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

प्रोजेक्ट प्रवीण के तहत विद्यार्थियों को कौशल आधारित प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जाए। 150 आइटीआइ को टाटा टेक्नोलाजीज के सहयोग से उच्चीकृत किया गया है। यहां अत्याधुनिक शिक्षा की व्यवस्था की गई है। उप्र कौशल विकास मिशन की योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाए। जल्द फिर विभागीय कार्यों की समीक्षा की जाएगी।

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