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उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में आया उछाल, दोगुना से अधिक हुई प्रति व्यक्ति आय, सीएम योगी ने साझा किए आंकड़े

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य में वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश की जीएसडीपी 25.48 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है और चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर 16 प्रतिशत से अधिक है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग और स्टार्ट अप पंजीकरण के लिए कार्यालय खोलें।

By Anand Mishra Edited By: Shivam Yadav Updated: Fri, 18 Oct 2024 10:20 PM (IST)
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समीक्षा बैठक करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, साथ में वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना एवं अन्य मंत्री। सूचना विभाग

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को असीमित संभावनाओं वाला प्रदेश बताते हुए विश्वास जताया है कि वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था (ओटीडीई) का संकल्प अवश्य पूरा होगा। 

शुक्रवार को योजना भवन में ओटीडीई के लिए जारी प्रयासों और परिणामों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने यूपी की अर्थव्यवस्था की मौजूदा रफ्तार के आधार पर यह दावा किया। उन्होंने कहा कि हमारी नीति और नियोजन सही है लेकिन बड़े लक्ष्य के लिए गति और तेज करने की जरूरत है।

प्रदेश की जीएसडीपी में बड़ा सुधार

मुख्यमंत्री ने अर्थव्यवस्था में आए उछाल के आंकड़े साझा करते हुए कहा कि प्रदेश की जीएसडीपी में बड़ा सुधार हुआ है और अब यह बढ़कर 25.48 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) 16 प्रतिशत से अधिक रही। प्रति व्यक्ति आय भी दोगुना से अधिक हो गई है। इस वर्ष जीएसडीपी लक्ष्य 32 लाख करोड़ का है, विश्वास जताया कि सभी के सहयोग से यह भी पूरा होगा। 

उन्होंने कहा कि यही प्रदेश है जहां वर्ष 2016-17 में एक्साइज से मात्र 12 हजार करोड़ का राजस्व मिलता था, आज 52 हजार करोड़ का राजस्व मिलता है। यानी कमी सामर्थ्य की नहीं, इच्छाशक्ति की थी। 

मंत्री के स्तर पर की जाए समीक्षा बैठक

मुख्यमंत्री ने कहा कि साफ किया कि वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य बड़ा है और इसकी प्राप्ति में सभी विभागों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हर विभाग में एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए। नोडल अधिकारी साप्ताहिक, प्रमुख सचिव स्तर पर पाक्षिक और विभागीय मंत्री के स्तर पर मासिक समीक्षा बैठक की जाए। 

मुख्यमंत्री ने आंकड़ों का संग्रहण में शुद्धता पर जोर दिया। कहा, डेटा जितना शुद्ध होगा, लक्ष्य के लिए हम उतना ही बेहतर प्रयास कर सकेंगे। उन्होंने ने कहा कि अगले वर्ष प्रयागराज में होने वाला महाकुंभ प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर डालने वाला होगा। हमें नैमिषारण्य, विंध्यधाम जैसे केंद्रों को चिह्नित कर उनकी ब्रांडिंग करनी चाहिए। बौद्ध सर्किट का संबंधित देशों में व्यापक प्रचार-प्रसार कराएं। 

जल्द आएगी एआई और ड्रोन पालिसी

मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के लिए लखनऊ में भूमि चिह्नित की जा चुकी है, इससे संबंधित पॉलिसी जल्द लाई जाए। उन्होंने कहा कि हमें ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग, ट्रेनिंग के लिए भी प्रस्ताव मिले हैं, इस क्षेत्र की संभावनाओं का लाभ लेने के लिए हमें जल्द अपनी ड्रोन पालिसी लागू करनी चाहिए। उन्होंने स्टार्ट अप पंजीकरण के लिए कानपुर के साथ-साथ नोएडा में भी सुविधा कार्यालय शुरू करने के निर्देश दिए।

वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

  • 2023-24 में प्रदेश की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) लगभग 16 प्रतिशत दर्ज की गई है। वर्तमान वर्ष के लिए 25 प्रतिशत का लक्ष्य तय किया गया है।
  • कृषि सेक्टर में बीज तंत्र को बेहतर करना होगा, इसके लिए सीड पार्क जैसे प्रयासों को बढ़ाया जाए।
  • किसानों को दलहन, तिलहन, मोटे आनाज की बोआई के लिए प्रोत्साहित करते हुए सप्लाई चेन मैनेजमेंट को और बेहतर बनाया जाए।
  • अनाज, फल और सब्जियों के उत्पादन की वृद्धि दर को दोगुणा तेजी देने के लिए ठोस प्रयासों किए जाएं।
  • हॉर्टिकल्चर में ‘पर ब्लॉक-वन क्रॉप’ जैसे कार्यक्रमों को प्रोत्साहित किया जाए।
  • भविष्य की जरूरतों को देखते हुए लैंडबैंक का विस्तार किया जाए।
  • निवेश और भूमि अधिग्रहण से जुड़े प्रकरण लंबित नहीं रहने चाहिए। जिलाधिकारी की जवाबदेही तय की जाए।
  • निजी और सार्वजनिक निवेश को और बढ़ाना होगा। निवेशकों से संपर्क-संवाद का क्रम जारी रखा जाए।
  • नए सेक्टर के लिए नए निवेशकों से संवाद करें। सिंगल विंडो प्रणाली को और सरल तथा अधिक पारदर्शी बनाया जाए।
  • गैर पारंपरिक ऊर्जा विकल्पों को बढ़ाने के प्रयास जारी रहें। पीएम सूर्य घर योजना का कवरेज बढ़ाने का प्रयास करें।
  • परिवहन सेक्टर की बेहतरी के लिए निजी क्षेत्र का भी सहयोग लिया जाए।
  • हॉस्पिटल, हाउसिंग और होटल के क्षेत्र में निजी भागीदारी बढ़ाने के लिए नियमों को सरल करें।
  • नगर निकायों व ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए।

बैठक में विभागीय मंत्री, मुख्य सचिव सहित अन्य अधिकारी प्रमुख मौजूद रहे। कंसल्टिंग एजेंसी डेलायट इंडिया ने प्रदेश के आर्थिक परिवेश की वर्तमान स्थिति, संभावित परिणाम और उद्योग जगत की अपेक्षाओं पर प्रस्तुति दी।

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