योगी सरकार की बड़ी सौगात, CHO का मानदेय बढ़ाया; अब हर महीने मिलेंगे 25 हजार रुपये
उत्तर प्रदेश सरकार ने आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) के मानदेय में 5000 रुपये की बढ़ोतरी की है। अब उन्हें 25000 रुपये मासिक मानदेय और 10000 रुपये पीबीआई मिलेगा। इस कदम से 17000 से अधिक सीएचओ को लाभ होगा। बीएससी नर्सिंग पास युवाओं को सीएचओ के पद पर चयनित किया जाता है और उन्हें छह महीने की ट्रेनिंग दिलाई जाती है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में तैनात 17 हजार सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) के मानदेय में पांच हजार रुपये की बढ़ोतरी की गई है। उन्हें अलग से मिल रही कार्य आधारित प्रोत्साहन राशि (पीबीआइ) से पांच हजार रुपये काटकर सीधे उनके मानदेय में जोड़ दिए गए हैं। अब उन्हें 25 हजार रुपये मासिक मानदेय और 10 हजार रुपये पीबीआइ मिलेगी। अभी तक वह 20 हजार रुपये वेतन और 15 हजार रुपये पीबीआइ पा रहे थे।
यह प्रोत्साहन राशि उनके प्रदर्शन के आधार पर तय की जाती है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक डा. पिंकी जोवल की ओर से इस व्यवस्था को अक्टूबर से ही लागू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। पीबीआइ से पांच हजार रुपये काटकर उसे प्रति महीने मानदेय में जोड़े जाने से इन सीएचओ को बड़ी राहत मिल गई है।
मूल्यांकन के बाद किया जाएगा तय
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षक इनके कार्यों का मूल्यांकन कर इसे तय करते हैं। टेली कंसल्टेंसी और उनके द्वारा आयोजित जन आरोग्य बैठकें इत्यादि कार्यों के आधार पर यह तय किया जाता है। किसी भी सीएचओ को पूरी प्रोत्साहन राशि नहीं मिल पाती। अब मानदेय अधिक होने से उनकी पांच प्रतिशत वार्षिक मानदेय वृद्धि में भी इसका लाभ होगा। प्रोत्साहन राशि जारी करने में पारदर्शिता बढ़ाने को भी कदम उठाए गए हैं।सीएचओ अब अगर ई कवच एप पर हर महीने की 28 तारीख तक कार्य के आधार पर प्रोत्साहन राशि तय कर उसे पास नहीं करेंगे तो अगले 10 दिनों बाद वह स्वत: पास मान लिया जाएगा। बीएससी नर्सिंग पास युवाओं को सीएचओ के पद पर चयनित किया जाता है और उन्हें छह महीने की ट्रेनिंग दिलाई जाती है।इसे भी पढ़ें: यूपी में ट्रेन बेपटरी करने की एक और साजिश? इस बार रेल ट्रैक पर पड़ी मिली साइकिल, साबरमती एक्सप्रेस के इंजन में फंसी
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