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यूपी की कृषिका देश की दस शीर्ष कृषि कंपनियों में, प्रमुख स्टार्ट अप प्रकाशन सिलिकान इंडिया ने दिया विशेष स्थान

कंपनी के संस्थापक अंशुमालि द्विवेदी ने बताया कि स्टार्टअप कंपनियों की रैंकिंग तकनीकी विशेषज्ञ कारपोरेट क्षेत्र के उच्चाधिकारी व शोधकर्ताओं द्वारा निर्धारित की जाती है। शीर्ष दस कंंपनियों में ऊपर नीचे का क्रम वर्णमाला में उनके नाम के अनुसार प्रेषित किया जाता है।

By Anurag GuptaEdited By: Updated: Fri, 04 Jun 2021 12:33 PM (IST)
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कृषिका का प्रसार प्रदेश के आठ जिलों में हो चुका है। लगभग 60 कृषि विशेषज्ञ इसमें कार्यरत हैं।
लखनऊ, जेएनएन। गत वर्ष लाकडाउन के दौरान आरंभ की गयी कृषि कंपनी कृषिका ने अल्पकाल में ही कामयाबी की पताका फहराते हुए देश दस शीर्ष स्टार्टअप कंपनियों में स्थान पा लिया है। प्रमुख स्टार्ट अप प्रकाशन सिलिकान इंडिया ने जून के अंक में उत्तर प्रदेश की कृषि स्टार्टअप कंपनी कृषिका को विशेष स्थान दिया है। कंपनी के संस्थापक अंशुमालि द्विवेदी ने बताया कि स्टार्टअप कंपनियों की रैंकिंग तकनीकी विशेषज्ञ, कारपोरेट क्षेत्र के उच्चाधिकारी व शोधकर्ताओं द्वारा निर्धारित की जाती है। शीर्ष दस कंंपनियों में ऊपर नीचे का क्रम वर्णमाला में उनके नाम के अनुसार प्रेषित किया जाता है। कृषिका के लिए विशेष बात यह रही कि मैगजीन के कवर पेज पर कंपनी संस्थापक को स्थान मिला है।

बता दे कि कृषिका कंपनी के संस्थापक ने विदेश में एक बड़ी कंपनी में सीईओ पद छोड़कर 2019 में देश वापसी की थी। कृषि क्षेत्र में कुछ विशेष करने के इरादे से कृषिका को स्थापित किया गया। अल्प अवधि में ही कृषिका भारत के सबसे तेज बढऩे वाले स्टार्टअप में शामिल हो गयी। कृषिका का प्रसार प्रदेश के आठ जिलों में हो चुका है। लगभग 60 कृषि विशेषज्ञ इसमें कार्यरत हैं। 

गत वर्ष से 20 लाख टन अधिक गेहूं खरीद

गत वर्ष की तुलना में इस बार गत तीन जून तक 20 लाख टन से अधिक गेहूं खरीदा जा चुका है। यह जानकारी गुरुवार को कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने दी। उन्होंने बताया कि 15 जून तक खरीद जारी रहेगी। अंतिम दिनों में अधिक से अधिक किसानों का गेहूं खरीदने के निर्देश दिए गए है। समीक्षा बैठक में शाही ने गेहूं खरीद की प्रगति, भुगतान एवं भंडारण के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि परगनाधिकारी अपने क्षेत्रों में क्रय केंद्रों का निरीक्षण करें और शेष दिनों में ज्यादा से ज्यादा किसानों से खरीद किए जाने की व्यवस्था करें। क्रय केंद्र पर किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। गेहूं खराब बताकर किसानों को बेवजह परेशान करने की शिकायत मिलने पर दोषी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

वीडियो कांफ्रेंङ्क्षसग के माध्यम से उन्होंने निर्देश दिए कि क्रय केंद्रों पर बोरों की कमी को तत्काल दूर कराएं। संबंधित अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर बोरों की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाएं। बैठक में प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद वीना कुमारी मीणा, आयुक्त खाद्य तथा रसद मनीष चौहान एवं समस्त क्रय एजेंसियों के प्रमुख प्रतिनिधि उपस्थित रहें।

उल्लेखनीय है कि इस वर्ष प्रदेश में 5678 क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति ङ्क्षक्वटल दर की जा रही है। तीन जून तक 42.58 लाख मीट्रिक टन गेहूं 913707 किसानों से खरीदा जा चुका है। गत वर्ष इसी अवधि में मात्र 22.43 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदा गया था। किसानों को देय 84 11 करोड़ रुपये में से 6528 करोड़ रुपये गेहूं मूल्य का भुगतान किसानों के खातों मेें हो चुका है। 

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