उत्तर प्रदेश वाहनों को कबाड़ में बदलने की नई स्क्रैप नीति को लागू करने में सबसे आगे है। 31 जुलाई 2024 तक कुल 18843 वाहन कबाड़ में बदले जा चुके हैं। इनमें 16576 सरकारी व 2267 निजी वाहन शामिल हैं। केंद्र सरकार से अब तक 221 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि भी हासिल हुई है। वहीं परिवहन निगम की अब तक 460 बसों को कबाड़ में बदला गया है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। केंद्र सरकार की नई स्क्रैप नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने में उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों की तुलना में सबसे आगे है। प्रदेश में वाहन स्क्रैप नीति के तहत 31 जुलाई, 2024 तक कुल 18,843 वाहन कबाड़ में बदले जा चुके हैं। इनमें 16,576 सरकारी व 2,267 निजी वाहन शामिल हैं।
नीति के तहत केंद्र सरकार से अब तक 221 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि भी हासिल हुई है।
प्रदेश में सर्वाधिक 15 पंजीकरण व वाहन स्क्रैपिंग फैसिलिटी सेंटर क्रियाशील हैं। वाहन को स्क्रैप करने में हरियाणा दूसरे, गुजरात तीसरे, मध्य प्रदेश चौथे, महाराष्ट्र पांचवें व कर्नाटक छठवें स्थान पर हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर परिवहन निगम/विभाग के अधिकारी 15 वर्ष पुराने खटारा सरकारी वाहनों को चरणवार ढंग से स्क्रैप करा रहे हैं। सरकारी प्रवक्ता का कहना है कि प्रदेश में पंजीकरण व वाहन स्क्रैपिंग फैसिलिटी सेंटर संचालित करने के लिए कुल 82 आवेदन आए हैं, जिनमें 62 सेंटर पंजीकृत हो चुके हैं।
वर्तमान में 15 सेंटर क्रियाशील हैं। हरियाणा में 12 सेंटर पंजीकृत हैं जिनमें से 11 क्रियाशील हैं। गुजरात में पांच, मध्य प्रदेश में चार, महाराष्ट्र में तीन व कर्नाटक में दो सेंटर क्रियाशील हैं। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का कहना है कि प्रदेश में प्रभावी ढंग से लागू कराई गई नीति के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। परिवहन निगम की अब तक 460 बसों को कबाड़ में बदला गया है।
ये भी पढ़ें -
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।