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UP Politics : मायावती के आरोपों पर अखिलेश यादव का पलटवार, कहा- अब उनके बुरे दिन शुरू हो गये हैं

UP Politics बता दें कि उपचुनाव से पहले मायावती ने भी ट्वीट के जरिए वंचित समाज के लोगों को साधना शुरू कर दिया है। उन्होंने वंचित समाज के लोगों को आगाह किया है कि वह अलर्ट रहें। वहीं दूसरी तरफ अखिलेश भी पीडीए यानि पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक समाज की बात कर रहे हैं। ऐसे में दोनों में जंग छिड़ गई है।

By Jagran News Edited By: Mohammed Ammar Updated: Mon, 26 Aug 2024 04:38 PM (IST)
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मायावती ने सुबह एक साथ किए थे कई ट्वीट

जागरण ऑनलाइन टीम, लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में सियासत गर्मा गई है। उपचुनाव से पहले बसपा और सपा के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। इस जुबानी जंग में पार्टी के कार्यकर्ता और विधायक नहीं बल्कि पार्टी सुप्रीमो ही कूद पड़े हैं।

मायावती ने आज ट्वीट करते हुए कांग्रेस और सपा पर अपनी जमकर भड़ास निकाली। अब बारी सपा सुप्रीमो यानि अखिलेश यादव की थी। उन्होंने भी ट्वीट का जवाब ट्वीट से दिया है। हालांकि अखिलेश ने अपने ट्वीट में किसी पार्टी या नेता का नाम तो नहीं लिया, लेकिन इशारों-इशारों में उन्होंने पीडीए की बात करते हुए अपना जवाब दे दिया।अखिलेश यादव ने क्या कहा, उससे पढ़ने से पहले यह जानना अहम है कि मायावती ने क्या कहा था।   

मायावती ने याद किए पुराने दिन 

मायावती ने कहा, '1995 में कांग्रेस के लोग कहां थे, जब समाजवादी पार्टी ने मुझ पर हमला कराया था। उस वक्त केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, कांग्रेस ने अपना दायित्व क्यों नहीं निभाया?'

मायावती ने आगे कहा कि जब कांशीराम जी को अपनी बीमारी की गंभीर हालत में भी हास्पिटल छोड़कर रात को इनके गृह मंत्री को भी हड़काना पड़ा था और विपक्ष ने भी संसद को घेरा, तब जाकर यह कांग्रेसी सरकार हरकत में आई थी।

सपा से भाजपा ने मुझे बचाया था : मायावती

मायावती ने कहा कि उस वक्त सपा के आपराधिक तत्वों से भाजपा सहित समूचे विपक्ष ने मानवता व इंसानियत के नाते मुझे बचाने में जो अपना दायित्व निभाया है, तो इसकी कांग्रेस को बीच-बीच मे तकलीफ क्यों होती रहती है? उन्होंने अपने लोगों को सचेत रहने की भी सलाह दी है।

अखिलेश यादव ने इस अंदाज में दिया जवाब

सच तो ये है कि ये आभार उन लोगों का है जो पिछले दो दिनों से अपने मान-सम्मान की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरकर अपना सक्रिय विरोध दर्शा रहे हैं। इस विरोध का मूल कारण है, भाजपा के एक विधायक द्वारा शोषित-वंचित समाज की एक सम्मानित भूतपूर्व महिला मुख्यमंत्री जी का…— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 26, 2024

“आभार” के लिए धन्यवाद!

सच तो ये है कि ये आभार उन लोगों का है जो पिछले दो दिनों से अपने मान-सम्मान की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरकर अपना सक्रिय विरोध दर्शा रहे हैं। इस विरोध का मूल कारण है, भाजपा के एक विधायक द्वारा शोषित-वंचित समाज की एक सम्मानित भूतपूर्व महिला मुख्यमंत्री जी का सरेआम किया गया अपमान।

सदियों से समाज के प्रभुत्ववादियों द्वारा किये जा रहे मानसिक-शारीरिक-आर्थिक-सामाजिक उत्पीड़न के विरुद्ध आज उपेक्षित व तिरस्कृत समाज के लोगों में यह जो नयी चेतना आई है, उसकी एकता और एकजुटता आनेवाले कल का सुनहरी समतावादी-समानतावादी इतिहास लिखेगी।

ये एक शुभ संकेत है कि पीडीए समाज अब प्रभुत्ववादी सत्ताधीशों के विभाजनकारी खेल को समझने लगा है। चंद लोगों की मजबूरी का फ़ायदा उठाकर, ये विघटनकारी सत्ताधारी भले कुछ लोगों को हाथ पकड़कर कुछ भी कहने-लिखने पर मजबूर कर लें परंतु मन से वो ‘कुछ मजबूर लोग’ भी हमारे ही साथ हैं क्योंकि ऐसे मजबूर लोग भी जानते हैं कि ये प्रभुत्ववादी कभी उनके भले के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं। सदियों से शोषित-वंचित समाज के 99% लोग, अब पीडीए में ही अपना सुनहरा भविष्य देख रहे हैं।

जो राजनीतिक शक्तियाँ अपनी सत्ता को बचाने के लिए, अपने स्वार्थ भरे पत्रों पर दमित समाज से हस्ताक्षर करवाने पर बाध्य करती आई हैं, अब उनके बुरे दिन शुरू हो गये हैं।

अखिलेश ने आगे कहा कि 90% में 99% जागरण आ गया है। पीडीए समाज में आया ये जागरण राजनीतिक दलों की सीमाएँ तोड़कर मान-सम्मान की लड़ाई लड़ रहे पीडीए से जुड़ गया है। जो जुड़ने शेष हैं, वो भी आनेवाले समय में शेष नहीं रहेंगे। समाज की 90% जनसंख्या अर्थात पीडीए का आपस में 100% जुड़ जाना ही, सामाजिक न्याय की क्रांति होगा। ये एकता, हमख़्याली व इत्तिहाद ही सैकड़ों सालों से चली आ रही नाइंसाफ़ी को ख़त्म करेगा।

पीडीए ही शोषित-वंचित का भविष्य है। हम एक हैं, एक रहेंगे।

पीडीए एकता ज़िंदाबाद!

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