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Vegetable Price Hike: बारिश ने बिगाड़ा किचन का बजट, यूपी में सब्जियों की कीमत में आया भारी उछाल

बारिश से लखनऊ समेत पूरे उत्‍तर प्रदेश में सब्जी के दामों में उछाल आया है। महंगाई से टमाटर एक बार फिर आंखें तरेर रहा है। आम आदमी को दो वक्त की सब्जी का इंतजाम करना मुश्किल हो रहा है। महंगाई ने किचन का स्‍वाद बिगाड़ दिया है।

By Vrinda SrivastavaEdited By: Updated: Sun, 03 Jul 2022 03:20 PM (IST)
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Vegetable Price Hike in UP: बारिश ने बिगाड़ा किचन का बजट।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। बारिश से लखनऊ समेत पूरे उत्‍तर प्रदेश में सब्जी के दामों में उछाल आया है। महंगाई से टमाटर एक बार फिर आंखें तरेर रहा है। आम आदमी को दो वक्त की सब्जी का इंतजाम करना मुश्किल हो रहा है। महंगाई ने किचन का स्‍वाद बिगाड़ दिया है। लखनऊ में 15 दिन पहले 30 रुपये किलो बिकने वाला टमाटर अब 80 तक पहुंच गया है। शिमला मिर्च 100 तो भिंडी 50 रुपये किलो बिक रही है। 

गोंडा : एक बार फिर सब्जियों के भाव आसमान पर पहुंचने लगे हैं। टमाटर का भाव ढाई गुणा तक बढ़ गया है। 10 दिन पहले तक टमाटर 20 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रहा था। अब यह 50 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा है।

बदलते मौसम के साथ-साथ सब्जियों की कीमतें एक बार फिर बढ़ने लगी है। दरअसल, बारिश होने के कारण सब्जी के पौधे ज्यादातर गल जाते हैं। ऐसे में पैदावार कम होने के कारण कीमतों पर असर पड़ रहा है। इसके कारण मंडी में सब्जी की भरपूर आवक नहीं हो पा रही है। आलू 25 रुपये प्रति किलोग्राम भाव से बिक रहा है। हरी सब्जियों के दाम भी बढ़े हुए हैं।

15 रुपये प्रति किलोग्राम बिकने वाली भिंडी अब 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रही है। दुकानदारों का कहना है कि मंडी में टमाटर की आवक कम हो रही है। कुलदीप का कहना है कि सब्जियों की कम आवक होने के कारण दरों में बढ़ोतरी हुई है। 

महंगाई पर नियंत्रण के लिए सरकार करें ठोस प्रयास : पंतनगर की सुमन का कहना है कि कभी खाद्य तेल महंगा हो रहा है तो कभी सब्जियों के दाम ऐसे में सरकार को महंगाई पर नियंत्रण के लिए ठोस प्रयास किया जाना चाहिए। नैय्यर कालोनी की बबिता का कहना है कि सब्जियों के दाम बढ़ने से लोगों की परेशानी बढ़ रही है। इस दिशा में सरकार को ठोस कदम उठाना चहिये।

अंबेडकरनगर : फुटकर सब्जी विक्रेता चांद, सालिकराम और अर्पित ने बताया कि बारिश से खेतों में पानी भरने से सब्जियां सड़ कर नष्ट हो जाती हैं। बाजार में सब्जियों की कमी का असर महंगाई के रूप में दिख रहा है।पेट्रोलियम उत्पादों की महंगाई से आम आदमी पहले से ही चौतरफा अतिरिक्त खर्च की मार झेल रहा है। अब सब्जियों के दामों में तेजी ने रसोईघर का बजट बिगाड़ दिया है। दाल, चीनी, तेल, मसाला आदि पहले से ही महंगा है। सब्जियों के दाम में तेजी ने मुश्किल और बढ़ा दी है। अभी तो बारिश की शुरुआत है, आगे महंगाई कहां तक जाएगी, सोचकर डर लग रहा है। 

सब्जियों के दाम प्रति किलोग्राम (रुपये में)

  • शिमला मिर्च - 100
  • अदरक - 100
  • हरी मिर्च - 80
  • टमाटर - 80
  • परवल - 60
  • करेला- 50
  • भिंडी- 50
  • बैगन- 45
  • कद्दू - 40
यही हाल बाकी सब जिलों का भी है। जहां सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। बलरामपुर में आलू 40 रूपए प्रति किलो मिल रहा है तो टमाटर 80 रूपए में। ऐसे में किचन में सबसे ज्‍यादा इस्‍तेमाल होने वाली सब्‍जी महंगी हो जाने से स्‍वाद बिगड़ गया है। हरी सब्जियों के दाम तो आसमान छू रहे हैं। हरदोई की बात करें तो परवल 40, कद्दू 10, मूली 30, पालक, टमाटर, भिंडी, बैगन 40 रूपए में मिल रहा है। शिमला मिर्च के दाम आसमान छू रहे हैं जो कि 80 में मिल रहा है। 

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