पूर्व IAS अधिकारी मोहिंदर सिंह से विजिलेंस जल्द करेगा पूछताछ, बहुचर्चित स्मारक घोटाले में भी भूमिका की हो रही जांच
बहुचर्चित स्मारक घोटाले में भी पूर्व आईएएस अधिकारी की भूमिका जांच के घेरे में है। विजिलेंस स्मारक घोटाले की जांच कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि तब उन्होंने जांच एजेंसी को ऑस्ट्रेलिया में होने की जानकारी दी थी। अब ईडी पड़ताल में उनके चंडीगढ़ में होने की जानकारी सामने आने पर विजिलेंस ने दोबारा नोटिस देकर पूछताछ की तैयारी शुरू कर दी है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। नोएडा के हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लोटस-300 प्रोजेक्ट के निवेशकों के साथ धोखाधड़ी के मामले में ईडी की पूर्व आईएएस अधिकारी मोहिंदर सिंह के चंडीगढ़ स्थित आवास में सर्च के बाद सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) भी सक्रिय हो गया है।
बसपा शासनकाल में हुए बहुचर्चित स्मारक घोटाले में भी पूर्व आईएएस अधिकारी की भूमिका जांच के घेरे में है। वह आवास विकास विभाग के प्रमुख रहे हैं। विजिलेंस स्मारक घोटाले की जांच कर रहा है और लगभग दो वर्ष पहले उनको पूछताछ के लिए तलब किया था।
सूत्रों का कहना है कि तब उन्होंने जांच एजेंसी को ऑस्ट्रेलिया में होने की जानकारी दी थी। अब ईडी पड़ताल में उनके चंडीगढ़ में होने की जानकारी सामने आने पर विजिलेंस ने दोबारा नोटिस देकर पूछताछ की तैयारी शुरू कर दी है। वह नोएडा अथारिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और मेरठ के मंडलायुक्त समेत अन्य महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे हैं।
विजिलेंस बसपा शासनकाल में लखनऊ व गौतमबुद्ध नगर में बने स्मारक व पार्कों में लगभग 14 अरब के घोटाले की जांच 10 वर्षों से कर रहा है। विजिलेंस ने जनवरी 2014 में लखनऊ के गोमतीनगर थाने में स्मारक घोटाले में पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी व बाबू सिंह कुशवाहा समेत 199 आरोपितों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई थी। वहीं, लोटस-300 प्रोजेक्ट के निवेशकों के साथ धोखाधड़ी के मामले में ईडी की पड़ताल पूरी हो गई है।
ईडी ने बीते दो दिनों में पूर्व आईएएस अधिकारी मोहिंदर सिंह से लंबी पूछताछ की। ईडी मेरठ के शारदा एक्सपोट्स के गुप्ता बंधुओं की भी जांच कर रहा है। मेरठ, चंडीगढ़, दिल्ली व गोवा स्थित 11 ठिकानों पर जांच की गई थी। हालांकि इस संबंध में ईडी ने अब तक कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की है। ईडी निवेशकों से ठगी के मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर जांच कर रहा है।
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