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बहराइच में ग्रामीणों ने 50 मीटर का पुल बनाकर घटाई 25 किमी दूरी, दर्जनभर गांव की आबादी को सीधा लाभ

Villagers built bridge on Saryu River In Bahraich सरयू की धारा के फैलाव का दंश ग्रामीणों को इसलिए भी चुभता था कि उन्हें नानपारा तहसील मुख्यालय जाने के लिए अलनाहक 25 किलोमीटर अधिक दूरी तय करनी पड़ती थी।

By Anurag GuptaEdited By: Updated: Thu, 21 Jan 2021 11:25 AM (IST)
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ग्रामीणों ने हौसले के बल पर बना लिया सरयू नदी पर पुल।
बहराइच, जेएनएन। पुल निर्माण में प्रशासनिक मशीनरी एवं जनप्रतिनिधियों की हीलाहवाली ग्रामीणों को इस कदर अखरी कि उन्होंने आपस में चंदा एकत्र किया और सरयू नदी पर 50 मीटर लंबा पुल बना लिया। बांस और बल्ली के सहारे बना यह पुल कोतवाली नानपारा के तकिया गांव में स्थित है। इससे नानपारा तहसील मुख्यालय पहुंचने की दूरी 35 किलोमीटर से घटकर मात्र 10 किलोमीटर रह गई है। सरयू नदी पर अर्से से पुल की कमी ग्रामीणों को अखर रही है।

सरयू की धारा के फैलाव का दंश ग्रामीणों को इसलिए भी चुभता था कि उन्हें नानपारा तहसील मुख्यालय जाने के लिए अलनाहक 25 किलोमीटर अधिक दूरी तय करनी पड़ती थी। जनप्रतिनिधियों से पुल निर्माण का आग्रह भी नक्कारखाने में तूती की आवाज बन कर रह गया। ऐसे में स्थानीय ग्रामीण असलम खान, रामचंद्र, निसार खां, रामादल, रामसमुझ, रामाअधार, जिलेदार खां ने आपसी सहयोग से पुल निर्माण का संकल्प लिया। बांस, लकड़ी की बल्ली एवं जूट की रस्सी के सहारे चार फिट चौड़ा पुल बना लिया। 

ग्रामीणों का कहना है कि लकड़ी का पुल बन जाने से तकियाघाट से नानपारा की दूरी मात्र 10 किलोमीटर रह गई है। बरसात के दिनों में जब नदी का बहाव काफी तेज होता है, ऐसे समय में लकड़ी का पुल का प्रयोग नहीं हो पाता। उस समय लोगों को नानपारा तहसील व कोतवाली जाने के लिए मटिहा मोड़ होते हुए लगभग 35 किलोमीटर लंबा सफर तय करना पड़ता है। इससे समय व धन दोनों की बर्बादी होती है।

दर्जन भर गांवों को सीधा लाभ

दर्जन भर गांव ऐसे हैं, जिसके सैकड़ों लोगों का प्रतिदिन मोटरसाइकिल, साइकिल एवं पैदल पुल से आवागमन होता है। इन गांवों में बोटहनिया, लोधनपुरवा, मटिहा, चंदनपुर, गोकुलपुर, बढ़ैया शामिल हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ब्लॉक, तहसील एवं कोतवाली मुख्यालय नानपारा नगर में स्थित है। इसलिए तकियाघाट पर पक्का पुल बनना अत्यंत आवश्यक है। 

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