इस्लाम छोड़ हिंदू बने जितेन्द्र नारायण बोले-हजारों मुसलमान मतांतरण को तैयार, कट्टरपंथियों के डर से नहीं आ रहे सामने
Former Chairman of Shia Waqf Board Wasim Rizvi लखनऊ पहुंचे जितेन्द्र नक्खास स्थित अपने अपार्टमेंट में मौजूद थे। उनकी सुरक्षा में पीएसी व पुलिस लगाई गई है। बिना पुलिस की अनुमति के कोई भी जितेन्द्र से मुलाकात नहीं कर सकता। जितेन्द्र के कहने पर ही उनसे कोई मिल सकता है।
लखनऊ, (ज्ञान बिहारी मिश्र)। Former Chairman of Shia Waqf Board Wasim Rizvi: मतांतरण के बाद पहली बार लखनऊ पहुंचे जितेन्द्र नारायण सिंह त्यागी ने बुधवार को दैनिक जागरण से खास बातचीत की। जितेन्द्र ने कहा कि कट्टरपंथियों के डर से हजारों लोग इस्लाम धर्म नहीं छोड़ पा रहे हैं। हालांकि उनके मतांतरण के बाद अब कई राज्यों से लोगों के फोन और मैसेज आ रहे हैं। ऐसे हजारों लोगों की सूची है जो सनातन धर्म अपनाना चाह रहे हैं। राज्य व केंद्र सरकार इनकी सुरक्षा सुनिश्चित करे, जिससे लोगों के मन से डर खत्म हो।
लखनऊ पहुंचे जितेन्द्र नक्खास स्थित अपने अपार्टमेंट में मौजूद थे। उनकी सुरक्षा में पीएसी व पुलिस लगाई गई है। बिना पुलिस की अनुमति के कोई भी जितेन्द्र से मुलाकात नहीं कर सकता। जितेन्द्र के कहने पर ही उनसे कोई मिल सकता है। अपार्टमेंट के मुख्य गेट से लेकर सीढ़ी के रास्ते और फ्लैट के दरवाजे तक सुरक्षाकर्मी मुस्तैद हैं। जितेन्द्र ने अपनी जान का खतरा बताया है। खास बातचीत में उन्होंने कहा कि मतांतरण के बाद उनके पास धमकी भरे फोन आ रहे हैं। देश विदेश से आने वाले फोन में अब उन्हें वापस इस्लाम धर्म में आने के लिए कहा जा रहा है। मेरा सीधा जवाब है कि जब मुझे इस्लाम से निकाला जा रहा था तब ये लोग कहां थे। मुझे जहां मोहब्बत मिली वहां मैं आ गया। अब वापस नहीं जाना है।
जितेन्द्र ने कहा कि मतांतरण मेरा निजी फैसला है। परिवार को जो सदस्य मेरे साथ आएगा, उसका स्वागत है। अन्यथा मैं उन्हें त्याग दूंगा। हालांकि उन्होंने मां के नाम पर बस इतना कहा कि उनसे मैं इस बारे में कुछ नहीं कहूंगा। मां से मिलकर उनका आशीर्वाद लूंगा और उन्हें बताऊंगा कि मैंने सनातन धर्म अपना लिया है। मेरा अंतिम संस्कार भी सनातन रीति रिवाज से होगा।
इस्लामिक मानसिकता असली रूप धारण कर रही है : जितेन्द्र ने कहा कि मेरा मकसद आइएसआइएस जैसी मानसिकता पर हमला करना है। लोगों को यह समझना पड़ेगा कि इस्लामिक मानसिकता असली रूप धारण कर चुकी है। सनातन धर्म का कत्ल कर ही इस्लाम बना। हर तरफ खतरा मंडरा रहा है। कट्टरपंथियों की मानसिकता पर चोट करना पड़ेगा। मुसलमान को विकास नहीं चाहिए, उन्हें अपने मन की करनी है, जिसपर कोई रोकटोक न हो।