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Lucknow वाले कर लें पानी का इंतजाम, एक सप्ताह बाद पांच लाख की आबादी पर गहराएगा संकट

Water Crises in Lucknow लखनऊ में शारदा नहर बंद होने से इंदिरानगर गोमतीनगर और चिनहट की पांच लाख की आबादी को पानी का संकट झेलना पड़ रहा है। नहर बंद होने से कठौता झील में पानी नहीं आ पा रहा है और झील में उपलब्ध पानी हर दिन घट रहा है। इससे कई दिनों से जलापूर्ति में कटौती की जा रही है जिसका असर पेयजल आपूर्ति पर दिखने लगा है।

By Ajay Srivastava Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 03 Nov 2024 04:40 PM (IST)
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Water Crises in Lucknow: लखनऊ में खड़ा होने वाला है पानी का संकट। प्रतीकात्‍मक
जागरण संवाददाता, लखनऊ । Water Crises in Lucknow: बंद चल रही शारदा नहर के कारण अगले सप्ताह से इंदिरानगर, गोमतीनगर और चिनहट की पांच लाख की आबादी पानी का संकट झेलेगी।

चौदह नंवबर तक नहर बंद होने के कारण कठौता झील (तीसरा जलकल) को पानी नहीं मिल पा रहा है और झील में उपलब्ध पानी हर दिन घट रहा है।

लिहाजा कई दिनों से जलापूर्ति में कटौती की जा रही है, जिसका असर पेयजल आपूर्ति पर दिखने लगा है। करीब दस दिन से सुबह और शाम दो-दो घंटे पानी की कटौती हो रही है और आने वाले दिनों में कटौती की अवधि बढ़ सकती है।

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अनुरक्षण कार्य के लिए बंद की गई थी नहर

दस दिन पहले अनुरक्षण कार्य के लिए नहर बंद की गई थी और माना जा रहा है कि नहर की सफाई के बाद 15 नवंबर को ही नहर से पानी छोड़ा जाएगा। 135 किलोमीटर दूर लखीमपुर की शारदा नहर से पानी आने में करीब 48 घंटे लग जाते हैं। इंदिरानगर क्षेत्र में पानी का संकट अधिक गहरा गया है और मोटर चलाने पर भी पानी नहीं आ रहा है। यहां भी सुबह और शाम को दो-दो घंटे की कटौती की जा रही है।

इससे पहले भी जून में नहर बंद हो  जाने से पानी का संकट खड़ा हो गया था। करीब बीस दिन बाद ही नहर चालू होने के बाद भी झील को पानी मिल पाया था। कठौता झील को करीब 135 किलोमीटर दूर लखीमपुर की शारदा नहर से पानी मिलता है और सफाई के लिए या फिर शून्य खेती में जब भी नहर को बंद किया जाता है।

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साल में दो से तीन बार ऐसा होता है। इसके बाद इंदिरानगर, गोमतीनगर और चिनहट क्षेत्र में पानी का संकट गहराने लगता है। गर्मी में तो हालात बहुत ही खराब हो जाते हैं और पानी की मांग को लेकर सड़क पर उतर आते हैं। दरअसल तीसरा जलकल को इंदिरा नहर या फिर गोमती नदी से  जोडऩे की मांग कई बार उठ चुकी है, लेकिन हर बार बजट आड़े आ जाता है।

135 किलोमीटर दूर से पानी लाकर यहां आपूर्ति करना ठीक नहीं

अधिकारियों का मानना है कि 135 किलोमीटर दूर से पानी लाकर यहां आपूर्ति करना ठीक नहीं है। कुछ समय भी नहर कट जाने से भी पानी का संकट खड़ा हो गया था और नलकूप से ही कम दबाव में पानी की आपूर्ति की गई थी।

जलकल विभाग के महाप्रबंधक कुलदीप सिंह का कहना है कि शारदा नहर से पानी 11-12 तारीख को ही कठौता झील में आएगा।

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