उपेक्षित लोगों पर ये क्या बोल गईं बसपा प्रमुख मायावती, कहा- …इतना साहस भी नहीं दिखा पा रहे; वजह भी बताई
बसपा प्रमुख ने कहा कि बाबा साहेब के आह्वान के अनुसार सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त नहीं कर पाने का ही दुखद व चिंताजनक परिणाम आज सबके सामने है। जिस पर पछताने के बजाए चुनावी सफलता अर्जित करने में अपनी ताकत को लगाना बहुत जरूरी है वरना संकीर्ण जातिवादी व सांप्रदायिक तत्व सत्ता को उनके हकदारों से दूर रखने में सफल होते जाएंगे।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि दबे-कुचले व उपेक्षित लोग बदहाल जीवन से खुश नहीं हैं, लेकिन वे लोग इतना साहस भी नहीं दिखा पा रहे हैं कि चुनाव में अपना विरोध दर्ज कराकर सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की नीतियों पर चलने वाले अच्छी सरकार चुनने का प्रयास कर सकें।
बसपा प्रमुख ने कहा कि बाबा साहेब के आह्वान के अनुसार, सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त नहीं कर पाने का ही दुखद व चिंताजनक परिणाम आज सबके सामने है। जिस पर पछताने के बजाए चुनावी सफलता अर्जित करने में अपनी ताकत को लगाना बहुत जरूरी है, वरना संकीर्ण, जातिवादी व सांप्रदायिक तत्व सत्ता को उनके हकदारों से दूर रखने में सफल होते जाएंगे। जैसा कि अभी हाल के विधानसभा के चुनावों में स्पष्ट देखने को मिला।
सत्ताधारी पार्टियों ने नहीं निभाया उत्तरदायित्व
बसपा प्रमुख ने कहा कि बहुजन समाज का लगातार सत्ता से दूर रहना यह साबित करता है कि देश की सत्ताधारी पार्टियों ने शिक्षा और सरकारी नौकरी में आरक्षण सहित इन्हें इनका कानूनी हक देने के उत्तरदायित्व को कभी सही से नहीं निभाया।
आंबेडकर को दी श्रद्धांजलि
इससे पूर्व मायावती ने बसपा के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पार्टी के वरिष्ठ लोगों के साथ बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर को बौद्ध भिक्षुओं की मौजूदगी में मंत्रोच्चार के साथ श्रद्धा सुमन व पुष्पांजलि अर्पित की। इसके अलावा, मायावती ने बुधवार को संविधान शिल्पी भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर को उनके परिनिर्वाण दिवस पर नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी।