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राम मंदिर में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ पर क्या बोले सीएम योगी? पुलिस के व्यवहार को लेकर दिया ये निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा है कि रामलला के दर्शन के लिए पूरे देश से भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन से अभूतपूर्व स्थिति उत्पन्न हुई है। इसके दृष्टिगत अति विशिष्ट/विशिष्ट/गणमान्य जन को अयोध्या आगमन का कार्यक्रम बनाने से एक सप्ताह पूर्व स्थानीय प्रशासन या श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास या राज्य सरकार को सूचित करना हितकर होगा। उन्होंने आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं।

By Rajeev Dixit Edited By: Shivam Yadav Updated: Wed, 24 Jan 2024 05:54 PM (IST)
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अयोध्या आगमन की हफ्ता भर पहले सूचना दें विशिष्ट जन: योगी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या धाम में रामलला के दर्शन की आकांक्षा लिए उमड़े आस्था के महासागर के बीच हर श्रद्धालु को सहज, सुगम व संतोषपूर्ण दर्शन कराने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा है कि रामलला के दर्शन के लिए पूरे देश से भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन से अभूतपूर्व स्थिति उत्पन्न हुई है। इसके दृष्टिगत अति विशिष्ट/विशिष्ट/गणमान्य जन को अयोध्या आगमन का कार्यक्रम बनाने से एक सप्ताह पूर्व स्थानीय प्रशासन या श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास या राज्य सरकार को सूचित करना हितकर होगा।

दर्शन की व्यवस्था करना हम सबका कर्तव्य

मंगलवार को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के पदाधिकारियों व स्थानीय प्रशासन के साथ परिस्थितियों का जायजा लेने के बाद बुधवार को मुख्यमंत्री ने शासन स्तर के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। 

उन्होंने कहा कि अयोध्या में पूरे देश से भारी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है। हर कोई अपने आराध्य प्रभु के दर्शन का पुण्य लाभ चाहता है। ऐसी परिस्थितियों में हर श्रद्धालु की सुरक्षा, सुविधा व सुगम दर्शन की व्यवस्था करना हम सबका कर्तव्य है।

स्थानीय प्रशासन और तीर्थ क्षेत्र न्यास के बेहतर समन्वय के साथ मुख्यमंत्री ने भीड़ प्रबंधन पर जोर दिया। कहा कि एक होल्डिंग एरिया तैयार करें, जहां दर्शनार्थियों का बड़ा समूह एकत्रित हो सके। यहां से श्रद्धालुओं को धीरे-धीरे दर्शन के लिए छोड़ा जाए। यहां पर उनके सामान/जूता/चप्पल/मोबाइल आदि सामान की सुरक्षा के प्रबंध होने चाहिए। 

पुलिसकर्मियों का व्यवहार मर्यादित हो

हिदायत दी कि अयोध्या में राम पथ, भक्ति पथ, धर्म पथ और जन्मभूमि पथ पर दर्शनार्थी कतारबद्ध खड़े हों। कहीं भीड़ न लगे और कतार चलायमान रहे। बुजुर्गों, बच्चों व महिलाओं का विशेष ध्यान दिया जाए। दर्शनार्थियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए प्रमुख पथों पर धीमी आवाज में राम भजन बजने चाहिए। सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों का व्यवहार मर्यादित होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कतारबद्ध श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह पर पेयजल की व्यवस्था कराने तथा दिव्यांग या अत्यंत वृद्ध श्रद्धालुओं के लिए आवश्यकतानुसार व्हीलचेयर के प्रबंध भी करने का निर्देश दिया। कड़ाके की ठंड से बचाव के लिए अलाव की व्यवस्था कराने के लिए कहा। 

उन्होंने भक्ति पथ और जन्मभूमि पथ पर जूट मैटिंग कराने तथा प्लास्टिक की कुर्सियां लगाने का निर्देश दिया ताकि बुजुर्ग व वृद्धजन आवश्यकतानुसार विश्राम कर सकें। सभी घाटों सहित पूरे नगर की स्वच्छता पर भी उनका खास जोर था।

बसों को उपलब्ध कराने के निर्देश

दर्शन-पूजन के बाद श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री ने परिवहन के पर्याप्त साधन खासतौर पर परिवहन निगम की बसों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। विभिन्न नगरों से अयोध्या आने के लिए अतिरिक्त बसों का संचालन अभी स्थगित रखने का भी निर्देश दिया। 

उन्होंने परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि दर्शन के उपरांत जिन मार्गों पर अधिक संख्या में श्रद्धालुओं को वापस जाना हो, उन्हें चिन्हित कर आवश्यकतानुसार रेलवे से समन्वय करते हुए ट्रेनों के संचालन के प्रयास होने चाहिए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि मुख्य सचिव, डीजीपी, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव परिवहन और प्रमुख सचिव नगर विकास आपसी समन्वय से श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए आवश्यक प्रबंधन सुनिश्चित कराएंगे। अयोध्या की सीमा से लगे जिलों के साथ अयोध्या प्रशासन तथा शासन स्तर के अधिकारी अंतरराज्यीय संवाद/संपर्क बनाये रखें। किस दिशा से कितने श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है, इसका आकलन करते हुए उसके अनुसार आवश्यक प्रबंध किए जाएं।

गणतंत्र दिवस पर माहौल बिगाड़ने वालों से सख्ती से निपटें

मुख्यमंत्री ने कहा कि 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व ‘गणतंत्र दिवस’ के अवसर पर अराजक तत्व माहौल को खराब करने का कुत्सित प्रयास कर सकते हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी गीत-संगीत/नारेबाजी या किसी भी अन्य कृत्य से किसी की धार्मिक भावनाओं का अपमान अथवा तिरस्कार न हो। यदि कोई विद्वेष फैलाने वाले ऐसे प्रयास करता हुआ पाया जाए तो उनके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई करें।

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