क्या है अयोध्या में बच्ची से दुष्कर्म का मामला? जिसके आरोपियों के लिए सीएम योगी ने कही ‘बुलेट’ ट्रेन चलाने की बात
उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन सदन अयोध्या में 12 वर्षीय नाबालिग से दुष्कर्म का मामला गूंज उठा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले पर गंभीरता दिखाते हुए विपक्ष पर निशाना साधा। मुख्यमंत्री ने कुछ घटनाओं में सपा नेताओं की संलिप्तता की निंदा करते हुए विपक्ष पर हमला बोला। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले के आरोपियों के लिए ‘बुलेट’ ट्रेन चलाने की बात कही।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधानसभा में अयोध्या का दुष्कर्म मामला गूंज उठा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले के आरोपियों के लिए ‘बुलेट’ ट्रेन चलाने की बात कही। इस वक्तव्य के जरिए योगी ने सपा पर निशाना साधा। दरअसल, अयोध्या के दुष्कर्म मामले में जिस आरोपी का नाम सामने आया है, वह सपा नेता बताया गया है, इसके चलते सीएम योगी सपा को आड़े हाथों लेने में कामयाब रहे।
अयोध्या में बच्ची से दुष्कर्म व हरदोई में वकील की हत्या में सपा नेताओं की संलिप्तता की निंदा करते हुए विपक्ष से बोले, ‘ऐसे लोगों को आप कहते हैं कि गोली मार रहे हैं। तो क्या माला पहनाएंगे। यह सब कोढ़ हैं। जब तक हटाएंगे नहीं। ठीक नहीं होगा’।
लखनऊ के गोमतीनगर क्षेत्र में युवती से छेड़छाड़ की घटना से आक्रोशित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अराजकतत्वों को बेहद कड़ी चेतावनी दी। विधानसभा में योगी ने कहा, ऐसे तत्वों के लिए सद्भावना नहीं, ‘बुलेट’ ट्रेन चलेगी।
क्या है अयोध्या का दुष्कर्म मामला?
सुर्खियों में चल रहे अयोध्या दुष्कर्म मामले में पीड़िता 12 वर्ष की किशाेरी है। आरोप है कि यहां के सपा नेता मोईद खान ने 12 वर्षीय किशोरी को बेकरी में नौकरी दिलाने का झांसा दिया। बाद में नौकर के साथ मिलकर दुष्कर्म किया। इसका खुलासा तब हुआ जब वह दो महीने की गर्भवती हुई और परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती करवाया।
आरोप है कि किशोरी खेत में काम कर रही थी तभी राजू नामक व्यक्ति उसके पास पहुंचा। राजू बेकरी में काम करता है। काम कराने के बहाने वह किशोरी को लेकर बेकरी पहुंचा, जहां बेकरी संचालक मोईद ने उसके साथ दुष्कर्म किया और राजू ने वीडियो बना लिया।
आरोप है कि मोईद खान ने वीडियो वायरल करने की धमकी देते हुए पीड़िता को चुप करा दिया। जब पीड़िता को पता चला कि वह गर्भवती हो गई है तब उसने पूरी बात घर वालों को बता दी, जिसके बाद परिजनों ने प्राथमिकी दर्ज करवाई।
लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन
वहीं, मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी मोईद खान की गिरफ्तारी नहीं होने से क्षुब्ध लोग मंगलवार को विरोध-प्रदर्शन पर उतर आए। आरोप लगाया कि मोईद खान के घर पर ही भदरसा पुलिस चौकी चल रही है।
लोगों ने पुलिस पर सपा नेता को सियासी दबाव में संरक्षण देने का आरोप लगाया। प्रकरण दो समुदायों से जुड़ा होने के कारण हिंदू संगठनों ने नारेबाजी शुरू की। विरोध बढ़ता देख पुलिस ने आरोपी को गिरफ्त में ले लिया, जिसके बाद लोग शांत हुए। नतीजतन यह मामला विधानसभा तक पहुंच गया।
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