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यूपी जीसीसी नीति-2024 क्या है? जिसे जल्द लाने वाली है योगी सरकार, युवाओं को मिलेगा रोजगार

यूपी सरकार ने ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) को बढ़ावा देने के लिए नई नीति बनाई है। इस नीति के तहत राज्य सरकार यूपी के युवाओं को रोजगार देने वाली जीसीसी कंपनियों को आर्थिक मदद देगी। कंपनियों को स्टांप ड्यूटी में शत-प्रतिशत छूट और अन्य सुविधाएं भी दी जाएंगी। इस नीति से प्रदेश में जीसीसी का तेजी से विस्तार होगा और युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।

By Ashish Kumar Trivedi Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sat, 05 Oct 2024 07:30 PM (IST)
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योगी आदित्यनाथ - फाइल फोटो । .
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश को अब ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) यानी वैश्विक क्षमता केंद्र का सुपर हब बनाने की तैयारी है। योगी सरकार इसके लिए जल्द नई नीति लाने जा रही है। नीति के तहत राज्य सकार यूपी के युवाओं को रोजगार देने पर जीसीसी स्थापित करने वाली कंपनियों को आर्थिक मदद में वरीयता देगी। यही नहीं प्रदेश के विद्यार्थियों को इंटर्नशिप कराने में भी इन्हें विशेष आर्थिक मदद दी जाएगी।

आइटी एंड इलेक्ट्रानिक्स विभाग द्वारा पांच वर्ष के लिए तैयार की गई यूपी जीसीसी नीति-2024 के तहत निवेशकों को स्टांप ड्यूटी में शत प्रतिशत राहत देने के साथ ही अन्य कई तरह की सहूलियतें दी जाएंगी। कंपनियों में किसी भी युवा को नौकरी पर रखने पर सरकार प्रति कर्मचारी 10 हजार रुपये प्रति महीने वेतन अनुदान (पेरोल-सब्सिडी) देगी।

यानी 1.20 लाख रुपये प्रतिवर्ष कंपनियों को आर्थिक मदद देगी। अगर कोई युवा उप्र का मूल निवासी है तो यह वेतन अनुदान प्रति कर्मचारी 15 हजार रुपये प्रति महीना यानी 1.80 लाख रुपये प्रति वर्ष मिलेगा। यही आर्थिक मदद महिला, एससी-एसटी व दिव्यांगजनों को नौकरी पर रखने पर कंपनियों को दी जाएगी। यह मदद अधिकतम तीन वर्ष तक कंपनी देगी। अधिकतम 20 करोड़ रुपये तक की आर्थिक मदद सरकार देगी।

यूपी के मूल निवासी ऐसे 30 युवा जिनकी यह पहली नौकरी होगी उन्हें रखने पर राज्य सरकार प्रति कर्मचारी 20 हजार रुपये प्रति महीने तक वेतन अनुदान देकर कंपनी की मदद करेगी। शर्त यह है कि यूपी के रहने वाले इस युवा ने उत्तर प्रदेश के ही किसी शिक्षण संस्थान से स्नातक व स्नातकोत्तर की पढ़ाई की हो। पांच वर्ष तक कंपनियों को यह वेतन अनुदान दिया जाएगा।

वहीं जीसीसी में यूपी के मूल निवासी 50 छात्रों को हर वर्ष इंटर्नशिप कराने के लिए भी राज्य सरकार विशेष प्रोत्साहन राशि देगी। पांच हजार रुपये प्रति छात्र प्रति महीने के हिसाब से यह प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। छात्रों को न्यूनतम दो महीने की इंटर्नशिप करानी होगी।

सरकार तीन वर्ष तक यह विशेष प्रोत्साहन राशि देगी। एक हजार जीसीसी के माध्यम से कुल पांच लाख युवाओं को रोजगार दिलाने का लक्ष्य रखा गया है। आइटी एंड इलेक्ट्रानिक्स विभाग द्वारा पांच वर्ष के लिए तैयार की गई यूपी जीसीसी नीति-2024 को जल्द ही कैबिनेट से पारित कराया जाएगा।

जीसीसी क्या है? 

मालूम हो कि जीसीसी ऐसे बहुआयामी सुविधायुक्त केंद्र होते हैं जो कंपनी को आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस (एआइ), साइबर सुरक्षा, डाटा विश्लेषण, रोबोटिक्स और क्लाउड-क्वांटम कंप्यूटिंग इत्यादि तकनीकी पर आधारित सेवाएं उपलब्ध कराते हैं। हब एंड स्पोक माडल पर विकसित किए जाने वाले जीसीसी के चार घटक होंगे जिसमें ग्लोबल हब, सेटेलाइट आफिस, आउटसोर्स सेंटर व क्लस्टर आफिस शामिल होंगे।

प्रस्तावित नीति से प्रदेशभर में जीसीसी का तेजी से विस्तार होगा। आगरा, बरेली, गोरखपुर व वाराणसी में जीसीसी स्थापित होंगे। इस नीति के जरिये 40 आइटी पार्क व 25 स्पेशल इकोनामिक जोन (एसईजेड) में भी निवेश व उपक्रम स्थापना को बढ़ावा दिया जाएगा। विश्व स्तरीय संसाधनों के साथ डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध होगा।

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