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वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने में कहां पहुंचा उत्तर प्रदेश? सामने आई योगी सरकार की प्रोग्रेस रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2022-23 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद 22.84 लाख करोड़ रुपये था जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में बढ़कर 25.48 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने में जुटी योगी सरकार की उपलब्धियां अब आंकड़ों से भी बयां होने लगी है। कृषि खनन निर्माण और रियल एस्टेट सेक्टर में अब मजबूती दिखाई देने लगी है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Wed, 21 Aug 2024 02:25 AM (IST)
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योगी सरकार की उपलब्धियां अब आंकड़ों से भी बयां होने लगी हैं।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने में जुटी योगी सरकार की उपलब्धियां अब आंकड़ों से भी बयां होने लगी हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 22.84 लाख करोड़ रुपये था, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में बढ़कर 25.48 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।

कृषि, खनन, निर्माण और रियल एस्टेट सेक्टर में अब मजबूती दिखाई देने लगी है। वहीं, परिवहन, भंडारण व कम्युनिकेशन सेक्टर में खास वृद्धि देखी गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान प्रदेश की जीएसडीपी में कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। 

59.75 हजार करोड़ रुपये तक योगदान

कृषि, वानिकी और मत्स्य क्षेत्र का योगदान 52.97 हजार करोड़ से बढ़कर 59.75 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। वहीं, खनन क्षेत्र 22 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर करीब 30 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। निर्माण क्षेत्र में भी खासी वृद्धि देखी गई है और यह 2.63 लाख करोड़ से बढ़कर 2.79 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। 

परिवहन, भंडारण और कम्युनिकेशन सेक्टर में भी इस दौरान 1.81 लाख करोड़ से बढ़कर 1.98 लाख करोड़ तक पहुंचा है। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2022-23 में यह रियल एस्टेट सेक्टर तीन लाख करोड़ रुपये का था जो 3.29 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। 

अर्थव्यवस्था के तीनों क्षेत्रों में वृद्धि दर्ज

अर्थव्यवस्था के तीनों क्षेत्रों प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक में वृद्धि दर्ज की गई है। जो प्राथमिक क्षेत्र 2022-23 में 5.51 लाख करोड़ का था, वह 2023-24 में बढ़कर 6.27 लाख करोड़ रुपये और द्वितीयक क्षेत्र 5.58 लाख करोड़ से बढ़कर 6.17 लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो गया है। इसी प्रकार तृतीयक क्षेत्र में भी वृद्धि देखी गई है, यह 10 लाख करोड़ से बढ़कर 10.79 लाख करोड़ तक पहुंचा है।

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